राष्ट्रपति चुनाव: जानिए कौन है UPA की उम्मीदवार मीरा कुमार

punjabkesari.in Thursday, Jun 22, 2017 - 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में भाजपा ने दलित नेता व बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को चुना तो वहीं विपक्ष ने अपना दलित कार्ड खेलते हुए मीरा कुमार को यूपीए की तरफ से उम्मीदवार घोषित कर दिया। मीरा कुमार और रामनाथ कोविंद में मुकाबलादिलचस्प होगा। एजुकेशन के लिहाज से देखा जाए तो वह दोनों ही काबिल हैं। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है। वह अगली पीढ़ी की दलित हैं। आइए जानते हैं मीरा कुमार के बारे में कुछ अहम बातें....PunjabKesari

उपप्रधानमंत्री की बेटी हैं मीरा कुमार 
मीरा कुमार पूर्व उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी और राजनीतिक वारिस हैं। वो लोकसभा अध्यक्ष भी रह चुकी हैं और कार्यकाल के दौरान बेहद शांत तरीके से लोकसभा को चलाने के लिए उनकी तारीफ भी होती रही है। मीरा कुमार लोकसभाध्यक्ष के पद पर आसीन होने वाली पहली दलित महिला हैं। वह सासाराम संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार और कुल 5वीं बार संसद में पहुंची हैं। अंग्रेजी साहित्‍य में स्‍नातकोत्‍तर वर्ष 1945 में पटना में जन्मीं और दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कालेज व मिरांडा हाउस से शिक्षा ग्रहण करने वाली मीरा कुमार कानून में स्नातक और अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर हैं। 

मायावती को पराजित कर बनी थी सांसद
वर्ष 1973 में वह भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चुनी गई। इसके बाद स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस में उच्चायुक्त रहीं लेकिन अफसरशाही उन्हें रास नहीं आई और उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश से प्रारंभ किया। वर्ष 1985 में बिजनौर लोकसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में उन्होंने उत्तर प्रदेश की वर्तमान मुख्यमंत्री मायावती और कद्दावर दलित नेता रामविलास पासवान को पराजित कर पहली बार संसद में कदम रखा। हालांकि इसके बाद हुए चुनाव में वह बिजनौर से पराजित हुई। इसके बाद उन्होंने अपना क्षेत्र बदला और 11वीं तथा 12 वीं लोकसभा के चुनाव में वह दिल्ली के करोलबाग संसदीय क्षेत्र से विजयी होकर फिर संसद पहुंचीं।
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बिहार को बनाया कर्मभूमि 
मीरा कुमार ने अपनी जन्मस्थली बिहार को ही अपनी कर्मभूमि बनाने का फैसला किया और अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने सासाराम जा पहुंचीं। सासाराम संसदीय क्षेत्र में 1998 और 1999 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुनिलाल ने उन्हें पराजित कर दिया। परंतु 2004 के लोकसभा चुनाव में पासा पलट गया, मीरा कुमार ने मुनिलाल को 2,58,262 मतों से पराजित कर दिया। उस समय इन्हें पहली बार केन्द्र में मंत्री पद भी प्राप्त हुआ और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।

कांग्रेस महासचिव पर रहु चुकी हैं मीरा कुमार
15वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में बिहार में जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की हवा बह रही थी, उसमें भी मीरा कुमार ने सासाराम सीट को बरकरार रखा तथा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मुनिलाल को 45 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया। इसके बाद केन्द्र में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए जल संसाधन मंत्रालय सौंपा गया। वह कांग्रेस महासचिव और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य भी रह चुकी हैं। उनके पति मंजुल कुमार सर्वोच्च न्यायालय में वकील हैं।PunjabKesari


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