27 अगस्त का Sunday है खास, मिलेगा दौलत-शोहरत भरा संसार

punjabkesari.in Saturday, Aug 26, 2017 - 11:42 AM (IST)

27 अगस्त रविवार को सूर्य षष्ठी व्रत है। शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद मास से शुक्ल पक्ष में षष्टी तिथि के दिन सूर्य उपासना का विधान दिया गया है। शास्त्रों में षष्ठी तिथि को उपवास करने का विधान है। इस दिन सूर्य प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। यह व्रत एक वर्ष तक करना चाहिए। प्रत्येक मास में आदित्य के विभिन्न नाम का जाप करना चाहिए। इस दिन विधिवत सूर्य का पूजन करना चाहिए तथा एक समय का नमक रहित भोजन करना चाहिए। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महात्म्य है। 


पूजन विधि और उपाय: इस दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठ जाएं। नित्यकर्म से निवृत होकर घर की पूर्व दिशा में लाल कपड़ा बिछाएं। रक्तचन्दनादि से मण्डल बनाएं। तांबे के कलश पानी, लाल चन्दन, चावल, लाल फूल, कुशा और अशोक के पाते डालकर इस कलश पर सूर्यदेव की प्रतिमा को स्थापित करें। सूर्य प्रतिमा पर धूप, दीप, पुष्प, रोली और गुड़ का भोग चढ़ाएं। बाएं हाथ में जायफल लेकर दाएं हाथ से लाल चंदन की माला से इस मंत्र का सामर्थ्यानुसार जाप करें। 


मंत्र: ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य: श्रीं ह्रीं मह्यं लक्ष्मीं प्रयच्छ।


जाप पूरा होने के बाद तांबे के कलश में पानी शक्कर रोली अक्षत से सूर्य को अर्घ्य दें। इस उपाय से प्रसन्न होकर सूर्यदेव आयु, आरोग्य, धन-धान्य, यश, विद्या, सौभाग्य और मुक्ति प्रदान करते हैं।


 


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