पौष मास में सूर्य पूजन से मान-यश में होगी वृद्धि, मिलेगी तरक्की

punjabkesari.in Sunday, Dec 03, 2017 - 12:28 PM (IST)

सोमवार दिनांक 04.12.17 को ज्योतिषशास्त्र के पुर्णिमांत पंचांग प्रणाली के अनुसार पौष माह प्रारंभ होगा। विक्रम संवत व हिंदू पंचांग के अनुसार साल के दसवें महीने को पौष माह कहा जाता है। पौष मास में सूर्य की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है। इस मास में सूर्य देव की उपासना भग नाम से की जाती है। हेमंत ऋतु के इस मास में ठंड बहुत अधिक होती है। मान्यतानुसार पौष माह में सूर्यदेव ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं। शास्त्रों में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान व वैराग्य को ही भग कहा गया है। इसी कारण पौष मास के भग स्वरूप सूर्य को परब्रह्म माना गया है। पौष मास में सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व धर्मशास्त्रों में उल्लेखित है। आदित्य पुराण अनुसार पौष माह में तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन व लाल रंग के फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य मंत्र का जाप किया जाता है तथा व्रत रखकर सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। पौष मासे में सूर्य के विशेष व्रत, पूजन व उपाय से यश बढ़ता है, ज्ञान में वृद्धि होती है व तरक्की मिलती है।

 

पूजन विधि: प्रातः में माता पार्वती का दशोपचार पूजन करें। शुद्ध घी का दीप करें, चंदन से धूप करें, सफेद फूल, अक्षत व शक्कर चढ़ाएं, खीर का भोग लगाएं तथा सफेद चंदन की माला से 108 बार इस विशिष्ट मंत्र को जपें। पूजन के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट करें।


पूजन मुहूर्त: प्रातः 07:20 से प्रातः 08:20 तक।


पूजन मंत्र: ॐ घृणि: आदित्य सूर्याय नमः॥


उपाय
ज्ञान वृद्धि हेतु सूर्यदेव पर लाल गुड़हल के 10 फूल चढ़ाएं।


यश वृद्धि हेतु कर्पूर से केसर जलाकर सूर्यदेव पर धूप करें।


तरक्की हेतु लालचंदन व पानी भरे तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य दें। 


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 


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