बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच में सिर्फ एक ही हीरा

punjabkesari.in Thursday, Nov 16, 2017 - 12:18 PM (IST)

अमरीकी चिकित्सक एवं कवि ओलिवर वेंडेल होम्स कद से थोड़े छोटे थे। उनके छोटे कद के कारण लोग अक्सर उन पर व्यंग्य किया करते थे। हालांकि वह बेहद हाजिर-जवाब एवं बुद्धिमान थे। उनके प्रतिद्वंद्वी उनकी सफलता एवं यश से ईर्ष्या करते थे। एक बार ओलिवर एक महत्वपूर्ण मीटिंग में गए। हाल खचाखच भरा हुआ था। वहां आए लगभग सभी व्यक्ति उनसे लंबे थे। यह देखकर उनके 2 प्रतिद्वंद्वी उनके पास आए।

 
पहला बोला, ‘‘सर, आपका कार्य हमेशा उत्कृष्ट होता है। आज भी आप मीटिंग में अपने बढिया विचार ही लिखकर लाए होंगे।’’ ओलिवर मुस्कुराकर बोले, ‘‘जी, बिल्कुल सही कहा आपने। मैं हमेशा अपने कार्य को पूर्ण तन्मयता और निष्ठा से ही करता हूं।’’ दूसरा प्रतिद्वंद्वी बोला, ‘‘यह तो बहुत अच्छी बात है। शायद यही कारण है कि आज तक आपको कोई भी पराजित नहीं कर सका है।’’


उसकी बात सुनकर ओलिवर सहज रूप से मुस्कुरा दिए। उनकी मुस्कुराहट को देखकर पहला प्रतिद्वंद्वी बोला, ‘‘सर आप बेहद मेहनती, एकाग्र और कल्पनाशील हैं। आप सर्वगुण संपन्न हैं सिवाय एक बात के।’’ यह बोलते ही दूसरा प्रतिद्वंद्वी बोला, ‘‘बिल्कुल सर। अब देखिए न, इस मीटिंग में हम सब कद में लंबे हैं और आप हमारे बीच में सबसे छोटे हैं। 

ऐसे में लंबे कद के लोगों के बीच स्वयं को देखकर आपको छोटापन महसूस हो रहा होगा।’’ इस पर पहला प्रतिद्वंद्वी दूसरे से बोला, ‘‘अरे इस बारे में तुम अपनी राय मत दो। सर से ही पूछते हैं कि सर को इस समय कैसा महसूस हो रहा है।’’ दोनों प्रतिद्वंद्वियों का आपसी वार्तालाप सुनकर ओलिवर सहज भाव से मुस्कुरा कर बोले, ‘‘मुझे इस समय ऐसा महसूस हो रहा है कि बड़ी-बड़ी चट्टानों के बीच में केवल एक ही हीरा है।’’ यह सुनकर दोनों झेंप गए और चुपचाप खिसक लिए।
 


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