जीवन में न करें ऐसा काम, माफी मांगने पर भी नहीं भरते घाव

punjabkesari.in Monday, Jun 12, 2017 - 11:30 AM (IST)

बहुत पुरानी बात है। एक गांव में 12 वर्ष का लड़का अपने माता-पिता के साथ रहता था। लड़का दिल का साफ था लेकिन उसे गुस्सा बहुत आता था। उसके माता-पिता काफी परेशान थे। एक दिन उसके पिता ने उसे ढेर सारी कीलें दीं और कहा, ‘‘जब भी क्रोध आए, वह घर के सामने लगे पेड़ में एक कील ठोक दे।’’

लड़के ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए ठीक वैसे ही किया। जब उसे गुस्सा आया तो पहले दिन लड़के ने पेड़ में 30 कीलें ठोकीं। ऐसे ही चलते अगले कुछ हफ्तों में उसने गुस्से पर काफी हद तक काबू कर लिया। अब वह पेड़ में रोज इक्का-दुक्का कीलें ही ठोकता था। उसे यह समझ में आ गया था कि पेड़ में कीलें ठोकने के बजाय क्रोध पर नियंत्रण करना आसान था। फिर एक दिन ऐसा भी आया जब उसने पेड़ में एक भी कील नहीं ठोकी। जब उसने अपने पिता को यह बताया तो पिता ने उससे कहा, ‘‘वह सारी कीलों को पेड़ से निकाल दे।’’ 

लड़के ने बड़ी मेहनत करके जैसे-तैसे पेड़ से सारी कीलें खींचकर निकाल दीं। जब उसने अपने पिता को काम पूरा हो जाने के बारे में बताया तो पिता बेटे का हाथ थामकर उसे पेड़ के पास लेकर गया।

पिता ने पेड़ को देखते हुए बेटे से कहा, ‘‘तुमने बहुत अच्छा काम किया मेरे बेटे, लेकिन पेड़ के तने पर बने सैंकड़ों कीलों के इन निशानों को देखो। अब यह पेड़ इतना खूबसूरत नहीं रहा। हर बार जब तुम क्रोध किया करते थे, तब इसी तरह के निशान दूसरों के मन पर बन जाते थे।’’ तात्पर्य यह कि अगर तुम किसी पर भी गुस्सा होकर बाद में हजारों बार माफी मांग भी लो, तब भी मन के घाव का निशान वहां हमेशा बना रहेगा। अपने मन, वचन, कर्म से कभी भी ऐसा काम न करो जिससे दूसरों का दिल दुखे, जिसके लिए बाद में तुम्हें पछताना पड़े।


 


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