अमावस आज: ग्रह लाएं हैं मंगल संदेश, जानें किस समय करें कौन सा काम

punjabkesari.in Thursday, Oct 19, 2017 - 08:08 AM (IST)

भविष्य पुराण तथा ब्रह्म पुराण के अनुसार, श्री महालक्ष्मी पूजन के दिन यदि कार्तिक अमावस, प्रदोषकाल तथा अर्धरात्रि व्यापिनी हो तो उसे श्रेष्ठ तथा कल्याणकारी समझा जाता है। इस वर्ष दीपावली 19 अक्तूबर, तदानुसार 3 कार्तिक, विक्रमी सम्वत् 2074, कार्तिक कृष्णतिथि अमावस, वीरवार को है। दीपावली के दिन तिथि अमावस 19-20 अक्तूबर मध्य रात 12.42 (जालन्धर टाइम) तक, हस्त नक्षत्र प्रात: 1.26 तक तथा तदोपरांत चित्रा नक्षत्र होगा, वैधृति योग बाद दोपहर 3.59 तक फिर विषकुंभ योग लग जाएगा। चंद्रमा रात 8 बजे तक कन्या राशि पर तथा उसके बाद तुला राशि पर रहेगा। इस तरह इस वर्ष दीवाली के दिन अमावस का प्रदोष काल तथा अर्धरात्रि व्यापिनी होना बहुत शुभ है। वैसे श्री महालक्ष्मी पूजन, श्री गणेश पूजन, कुबेर पूजन, जप-पाठ, साधना के लिए प्रदोष काल के अतिरिक्त निशीथ काल, महा निशीथ काल भी विशेष महत्व रखते हैं।


प्रदोष काल: बेशक प्रदोष काल अवधि के बारे में शास्त्रों में कुछ भिन्नता पाई जाती है, तो भी स्थानीय सूर्यास्त के उपरांत तीन मुहूर्त अर्थात छह घड़ी (2 घंटे 24 मिनट) के प्रदोष काल का अधिक प्रचलन है। चूंकि दीवाली के दिन जालन्धर में सूर्यास्त सायं 5.48 पर होना है, इसलिए जालन्धर तथा आस-पास के क्षेत्रों में प्रदोषकाल अवधि सायं 5.48 से लेकर रात 8.12 तक होगी। सायं 7.24 से लेकर रात 9.10 (जालन्धर टाइम) तक स्पष्टतानुसार वृष (स्थिर) लग्र होगा।


चूंकि प्रदोष काल प्रारंभ होते ही मेष (चर) लग्र शुरू हो जाएगा इसलिए वृष (स्थिर) लग्र में सायं 7.24 (जालन्धर टाइम) के उपरांत श्री महालक्ष्मी पूजन, श्री गणेश पूजन, कुबेर पूजन, बही खातों (एकाऊंट्स बुक्स) का पूजन तथा उन्हें प्रारंभ करना, मंदिर इत्यादि धार्मिक स्थलों, घरों, फैक्टरियों, व्यावसायिक स्थलों, दुकानों, शो रूम्ज इत्यादि में दीप प्रज्वलित तथा रोशनी करना, ब्राह्मणों, गुरुजनों, आश्रितों, घर परिवार के छोटे-बड़े सदस्यों को भेंट सामग्री देना कल्याणकारी रहेगा।


राजधानी दिल्ली ,गुडग़ांव, नोएडा में प्रदोष काल सायं 5.40 से रात 8.04 तक। निशीथ तथा महा निशीथ काल : जो लोग प्रदोषकाल के दौरान श्री महालक्ष्मी पूजन इत्यादि न कर सकें, वे निशीध तथा महा निशीथ काल में कर सकते हैं। राजधानी दिल्ली, गुडग़ांव तथा नोएडा व आस-पास के क्षेत्रों में निशीथ काल रात 8.05 बजे से लेकर 10.28 बजे तक और महा निशीथ काल 10.29 बजे से लेकर 12.52 बजे तक।


साधना काल : 19-20 अक्तूबर मध्य रात 12.53 बजे से लेकर 3.16 बजे तक साधना काल होगा। इस काल में उच्च स्तर की योग साधनाएं, समाधि एवं महा शक्ति की निष्काम भक्ति साधना करना कल्याणकारी कहा जाता है।  


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