प्याज की कीमतों में भारी गिरावट
punjabkesari.in Sunday, Feb 25, 2018 - 10:52 AM (IST)
नई दिल्ली : प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई है। थोक में इसका दाम 1,500 रुपए के नीचे आ गया है। महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में कल प्याज 1450 रुपए किंवट्ल बिका। दरअसल नई फसल की आवक से कीमतों पर दबाव बढ़ा है। कुछ मंडियों में इसका दाम 1,200 रुपए के भी नीचे लुढ़क गया है। इस महीने कीमतें करीब 30 प्रतिशत तक गिर चुकी हैं। आने वाले दिनों में रिटेल में भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
क्या है कीमतें बढऩे की मुख्य वजह
प्याज की कीमतों में बढ़ौतरी की मुख्य वजह बाजार में इसकी सप्लाई में कमी है, लेकिन ये कमी पैदा की जाती है, क्योंकि देश में प्याज का उत्पादन खपत से ज्यादा होता है। तभी तो हर साल प्याज की कीमत का ऐसा संकट आता है। फिर भी हर साल हमारा देश इसका एक्सपोर्ट भी करता है। दरअसल जमाखोरी, प्याज स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था न होना और सरकारी नीतियों में स्थिरता का अभाव कीमत को अनाप-शनाप बढ़ा देते हैं।
भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश
भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश है। कृषि उत्पादों के निर्यात पर नजर रखने वाली सरकारी एजैंसी अपीडा के मुताबिक देश में प्याज की फसल दो बार आती है। पहली बार नवम्बर से जनवरी तक और दूसरी बार जनवरी से मई तक। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा प्याज होता है करीब 30 प्रतिशत। इसके बाद कर्नाटक 15 प्रतिशत उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर है। फिर आता है मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात का नंबर। 2015-16 में देश में 2.10 करोड़ टन प्याज का उत्पादन हुआ था। वहीं 2016-17 में करीब 1.97 करोड़ टन।
अच्छा रहा है निर्यात
न्यूनतम निर्यात मूल्य खत्म करने के सरकार के कदम से प्याज निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इससे थोक बाजार में कीमतें और बढऩे की आशंका बनने लगी है। पिछले साल अक्तूबर के अंत तक जो निर्यात हुआ है, वह उसके पिछले साल से बेहतर था। अप्रैल से अक्तूबर 2017 के दौरान करीब 16.79 टन प्याज का निर्यात हुआ, जबकि 2016-17 में इस दौरान देश से 16.34 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ था।
उत्पादन 10 लाख टन कम
सरकार ने इस साल प्याज का उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले कुछ कम रहने का अनुमान लगाया है। इस वजह से आपूॢत सीमित रह सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक फसल वर्ष 2017-18 के दौरान देश में प्याज का उत्पादन 214 लाख टन होने का अनुमान है। 2016-17 के दौरान देश में 224 लाख टन प्याज पैदा हुआ था। यानी कि इस साल प्याज उत्पादन 10 लाख टन कम होगा।