GST के कारण सिगरेट की बिक्री पर पड़ेगा असर : ITC

punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2017 - 01:15 PM (IST)

नई दिल्लीः सिगरेट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी आईटीसी का कहना है कि हाल ही में शुरू की गई माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर की उच्च दर से सिगरेट की वैध बिक्री की पूरी प्रणाली पर असर पड़ेगा। आई.टी.सी. ने कहा कि वित्त वर्ष 2012-13 से वैध सिगरेट उद्योग में 25 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। अपने तिमाही परिणामों में आई.टी.सी. ने कहा कि राजस्व क्षतिपूर्ति उपकर को बढ़ाए जाने से सिगरेट पर अतिरिक्त कर का बोझ बढ़ा है और यह देश में सिगरेट की पूरी वैध बिक्री प्रणाली को बिगाड़ देगा।

जीएसटी परिषद ने प्रति हजार सिगरेट पर राजस्व क्षतिपूर्ति उपकर का दायरा 485 रुपए से 79 रुपए तक बढ़ा दिया है। इसके अलावा अन्य श्रेणी जैसे कि 75 मिलीमीटर से ज्यादा लंबी (फिल्टर की लंबाई सहित) सिगरेट पर उपकर का मूल्यानुसार घटक 31प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद की मंशा इस राजस्व क्षतिपूर्ति उपकर को बढ़ाकर नयी कर व्यवस्था में सिगरेट पर कर विसंगति को दूर करने की है जो जी.एस.टी. के तहत पहले की गई घोषणा से उत्पन्न हुई थी।

इसका मकसद जीएसटी से पहले वाली व्यवस्था में सिगरेट पर लगने वाले उत्पाद कर के परिवर्तनशील प्रभाव को खत्म करना है। आईटीसी ने कहा कि इस तरह नयी व्यवस्था में सिगरेट पर कर पुरानी व्यवस्था के मुकाबले बढ़ गया है जो राजस्व निरपेक्षता के बुनियादी सिद्धांत के उलट है। वित्तवर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में आईटीसी की सिगरेट से होने वाली आय 6.60 रुपए बढ़कर 8,774.16 करोड़ रुपए रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 8,230.60 करोड़ रुपए थी। 


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