16 प्रतिशत GST रिटर्न का ही हो पाया पूरी तरह से मिलान

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 09:53 AM (IST)

नई दिल्लीः जी.एस.टी. के तहत फाइल कुल सेल्स रिटर्न में से केवल 16 प्रतिशत का ही फाइनल रिटर्न से पूरी तरह मिलान हो पाया है। राजस्व विभाग ने इस मामले का विश्लेषण शुरू कर दिया है। विभाग को इस मामले में टैक्स चोरी की आशंका है।

टैक्स चोरी की आशंका
जी.एस.टी. रिटर्न के डाटा के अनुसार 34 प्रतिशत कारोबारियों ने 34,000 करोड़ रुपए कम टैक्स दिया है। ये आंकड़े जुलाई से दिसम्बर 2017 के बीच के हैं। इन 34 प्रतिशत कारोबारियों ने 8.16 लाख करोड़ रुपए टैक्स दिया है, लेकिन इनके डाटा के अनुसार इन पर 8.50 लाख करोड़ रुपए की टैक्स की लॉयबिल्टी बनती है। राजस्व विभाग के अनुसार जी.एस.टी. के तहत फाइल रिटर्न में से केवल 16.36 प्रतिशत ही ऐसे हैं, जिनका जी.एस.टी.आर. 3 से पूरी तरह से मिलान हो गया है। ऐसे कारोबारियों से सरकार को 22,014 करोड़ रुपए का टैक्स मिला है।

49 प्रतिशत ने 91 करोड़ रुपए ज्यादा टैक्स जमा किया
जुलाई से दिसम्बर 2017 के बीच 49.36 प्रतिशत कारोबारियों ने 91,072 करोड़ रुपए ज्यादा टैक्स जमा किया है। जी.एस.टी.आर.-1 के मुताबिक इन लोगों ने 6.50 लाख करोड़ रुपए का टैक्स जमा किया है जबकि इन लोगों ने शो किया है कि इनकी टैक्स लॉयबिल्टी 5.59 लाख करोड़ रुपए ही है।

राजस्व विभाग ने शुरू किया विश्लेषण
राजस्व विभाग ने जी.एस.टी. के तहत जुलाई से अगस्त के बीच रिटर्न में से 51.96 लाख का विश्लेषण शुरू कर दिया है। देश में जी.एस.टी. 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने राज्यों को 10 मार्च को सलाह दी है कि टैक्स के इस अंतर का वह भी विश्लेषण करें।
 


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