ससुराल में पैर रखते ही सास करती है 5 घंटे का वर्जिनिटी टेस्ट, इस जगह है Virginity साबित करने की शर्मनाक रस्म
punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 07:24 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: 21वीं सदी में जहां दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्पेस टेक्नोलॉजी की बात कर रही है, वहीं आज भी कुछ जगहों पर महिलाएं ऐसी शर्मनाक परंपराओं से गुजर रही हैं जो उनके सम्मान और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती हैं। ऐसी ही एक चौंकाने वाली घटना चीन से सामने आई है, जहां एक नवविवाहिता को ससुराल में कदम रखते ही 5 घंटे तक वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ा। जी हां, इस रस्म में दुल्हन को नंगे पैर टोकरी में बैठाकर एक पैर पर संतुलन बनाना होता है, ताकि यह साबित किया जा सके कि वह पवित्र और सौभाग्यशाली है।
यह परंपरा जितनी हैरान करने वाली है उतनी ही मानवता के खिलाफ भी लगती है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई समाज इस तरह की प्रथाओं से आगे बढ़ पाया है या फिर हम सिर्फ तकनीकी तरक्की कर रहे हैं और सोच अभी भी वहीं अटकी है?
सास ने कहा—पहले टोकरी में बैठो फिर घर में घुसना
जैसे ही वह महिला शादी के बाद ससुराल पहुंची तो उसे घर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई। उसकी सास ने पहले एक विचित्र परंपरा निभाने को कहा। उसे बिना चप्पल या जूते के, नंगे पैर एक बांस की टोकरी में बैठाया गया। शर्त थी कि उसका पैर जमीन को छूना नहीं चाहिए। और ये स्थिति सिर्फ कुछ मिनट नहीं बल्कि पूरे पांच घंटे तक बनाए रखनी थी।
एक पैर पर संतुलन बनाए रखना था
महिला को पूरे समय टोकरी में इस तरह बैठना पड़ा कि उसका एक पैर ऊपर और एक नीचे हो लेकिन जमीन से न छुए। इस परंपरा को “वर्जिनिटी टेस्ट” की तरह देखा जाता है, जहां ससुराल वाले मानते हैं कि अगर महिला यह परीक्षा सफलतापूर्वक पूरी कर लेती है तो वह पवित्र है और उसके कदम घर में सौभाग्य लेकर आते हैं।
पैसे लेकर शादी और फिर रिश्ता तोड़ने का चलन
इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है क्योंकि यह पहली बार नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक कई मामलों में देखा गया है कि दुल्हन के घरवालों से पैसे लेकर शादी तय की जाती है और फिर कुछ घंटों या दिनों में रिश्ता तोड़ दिया जाता है। कई बार दुल्हनें कैमरे पर रोते-बिलखते देखी गई हैं जो इन रीति-रिवाजों की क्रूरता को उजागर करता है।
ग्रामीण महिलाएं अब उठा रही हैं आवाज
हाल ही में जियांग्शी के सुइचुआन काउंटी में एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमें 30 अविवाहित ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। इस चर्चा में उन्होंने इन पुरानी, अपमानजनक और असंवैधानिक परंपराओं के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने बताया कि कैसे शादी उनके लिए सपनों का नहीं बल्कि दबाव और अपमान का कारण बन गई है।
सोशल मीडिया पर विरोध की लहर
इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी जमकर विरोध हुआ। कई लोगों ने इस परंपरा को शर्मनाक बताया और सरकार से मांग की कि ऐसे रिवाजों को तुरंत रोका जाए। लोगों ने कहा कि महिलाओं को सम्मान देने का वक्त अब आ चुका है न कि उन्हें परीक्षा में डालने का।