क्या महिला एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भी पीरियड्स आते हैं?
punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 12:05 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हर लड़की को एक उम्र के बाद पीरियड्स (मासिक धर्म) का अनुभव होता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महीने शरीर में हार्मोनल बदलाव के चलते होती है। इस दौरान महिलाओं को दर्द, मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और कमजोरी जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
स्पेस में भी आते हैं पीरियड्स?
अब सवाल उठता है कि क्या जब महिलाएं स्पेस यानी अंतरिक्ष में जाती हैं, तब भी उन्हें पीरियड्स आते हैं?
इसका जवाब है- हां।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अंतरिक्ष में भी महिला एस्ट्रोनॉट्स को पीरियड्स वैसे ही होते हैं जैसे धरती पर होते हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि वहां पर जीरो ग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण बल नहीं होता, जिससे उन्हें पीरियड्स मैनेज करने में थोड़ी अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
सैली राइड बनीं मिसाल
सैली राइड, अमेरिका की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं जिन्होंने 1983 में स्पेस शटल चैलेंजर से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। वह अपने साथ टैम्पोन लेकर गई थीं, ताकि पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई और सुविधा बनी रहे। जब नासा के पुरुष वैज्ञानिकों ने उनसे पूछा कि "एक हफ्ते के लिए 100 टैम्पोन ठीक रहेंगे?" तो सैली ने मुस्कुराकर जवाब दिया कि “इतने टैम्पोन तो पूरी महिला बटालियन के लिए काफी हैं!” यह वाकया यह दिखाता है कि उस समय पीरियड्स को लेकर कितनी कम जानकारी थी, लेकिन सैली राइड ने यह साबित कर दिया कि अंतरिक्ष में पीरियड्स को मैनेज किया जा सकता है।
गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा
आज के समय में कई महिला अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाने से पहले या यात्रा के दौरान गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं। ये गोलियां पीरियड्स को कुछ समय के लिए रोक सकती हैं या स्थगित कर सकती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि अंतरिक्ष में सफाई और असुविधा की समस्या से बचा जा सके, क्योंकि वहां हर चीज सीमित होती है – पानी, बाथरूम, कपड़े, सफाई के संसाधन आदि।
स्पेस में क्यों मुश्किल होता है पीरियड्स मैनेज करना?
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जीरो ग्रैविटी: गुरुत्वाकर्षण के न होने से ब्लड फ्लो नीचे नहीं गिरता, जिससे इसे मैनेज करने के तरीके अलग होते हैं।
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सीमित संसाधन: अंतरिक्ष में नॉर्मल सैनिटरी पैड या कपड़े धोना संभव नहीं होता, इसलिए टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है।
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पानी की कमी: स्पेस स्टेशन में पानी की हर बूंद कीमती होती है, इसलिए हाइजीन में भी सावधानी बरती जाती है।
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मानसिक दबाव: अंतरिक्ष में पहले से ही बहुत मानसिक और शारीरिक दबाव होता है, ऐसे में पीरियड्स भी एक चुनौती बन जाते हैं।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है स्पेस मिशन में
आज की तारीख में कई महिलाएं अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बन रही हैं। NASA, ISRO और अन्य स्पेस एजेंसियां अब इस बात का खास ख्याल रखती हैं कि महिला एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में पीरियड्स के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो। सुनियोजित मेडिकल प्लानिंग, व्यक्तिगत हाइजीन किट और मानसिक हेल्थ सपोर्ट से यह सुनिश्चित किया जाता है कि महिलाएं अंतरिक्ष में भी सुरक्षित और स्वस्थ रहें।