धनी बनना है तो कल तिजोरी के पास करें कुछ खास, होगी धन की बरसात

punjabkesari.in Monday, Sep 12, 2016 - 04:07 PM (IST)

कल वामन द्वादशी के शुभ दिन पर भगवान के वामन अवतार का व्रत व पूजन किया जाता है। मान्यता है, कि इस दिन पहली बार माता यशोदा ने अपने बाल गोपाल श्री कृष्ण के वस्त्र धोए थे। जो जातक भगवान कमलनयन का कमल के फूलों द्वारा पूजन करता है उसे जगत पिता ब्रह्मा, श्री विष्णु सहित तीनों लोकों को पूजने का फल मिलता है। घर की तिजोरी अथवा जिस स्थान पर रुपए या आभूषण रखते हों उस स्थान पर घी का दीया जलाएं।

 

लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजन करें। आज के दिन लक्ष्मी जी का पूजन करना भी विशेष फलदाई होता है। मां लक्ष्मी अपने पति भगवान श्री विष्णु के बगैर कहीं नहीं रहती इसलिए उनके श्री रूप अथवा चित्रपट के साथ भगवान श्री विष्णु के श्री रूप अथवा चित्रपट का होना भी आवश्यक है। इस दिन देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होने के बाद भक्त को कभी धन की कमी नहीं होती। भगवती महालक्ष्मी चल एवं अचल संपत्ति देने वाली हैं।

 

लक्ष्मी पूजन घर के पूजा स्थल या तिजोरी रखने वाले स्थान पर करनी चाहिए, व्यापारियों को अपनी तिजोरी के स्थान पर पूजन करना चाहिए। उक्त स्थान को गंगा जल से पवित्र करके शुद्ध कर लेना चाहिए, द्वार व कक्ष में रंगोली को बनाना चाहिए, देवी लक्ष्मी को रंगोली अत्यंत प्रिय है। सांयकल में लक्ष्मी पूजन के समय स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्रों को धारण करना चाहिए विनियोग द्वारा पूजन क्रम आरंभ करें।

 

इस पूजन में रोली, मौली, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, धूप, कपूर, अगरबत्ती, गुड़, धनिया, अक्षत, फल-फूल, जौं, गेहुं, दूर्वा, श्वेतार्क के फूल, चंदन, सिंदूर, दीपक, घृत, पंचामृत, गंगाजल, नारियल, एकाक्षी नारियल, पंचरत्न, यज्ञोपवित, मजीठ, श्वेत वस्त्र, इत्र, फुलेल, पान का पत्ता, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख, कुबेर यंत्र, श्री यंत्र, लक्ष्मी व गणेश जी का चित्र या प्रतिमा, आसन, थाली, चांदी का सिक्का, मिष्ठान इत्यादि वस्तुओं को पूजन के समय रखना चाहिए।

 

विधिवत रुप से श्री महालक्ष्मी का पूजन करने के बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी और मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।

 

ध्यान रखें

अपने व्यावसायिक संस्थान में तिजोरी को उत्तर की ओर के कमरे में रखना लाभकारी है। तिजोरी कमरे की दक्षिणी दीवार से लगभग 2 से 3 इंच दूर तथा अग्निकोण एवं नैऋत्यकोण को छोड़ कर उत्तर दिशा की तरफ मुंह करते हुए रखना चाहिए । तिजोरी अथवा कैश बाक्स का पिछला हिस्सा दक्षिण की तरफ रखते हुए उत्तर दिशा में खुलने वाला हिस्सा रखना चाहिए । ऐसा करने से फालतू खर्चों पर अंकुश लगता है तथा धन आगमन में वृद्धि होती है । 


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