नालियां भी दिलाती हैं प्रसिद्धि और धन

punjabkesari.in Tuesday, Oct 27, 2015 - 12:55 PM (IST)

भारत में गांव से लेकर महानगरों तक हर गली-मोहल्ले एवं बाजारों में सड़क के किनारों पर नाली के पास ठेला या गुमटी लगे दिखाई देते हैं। सामान्यतः देखने में आता है, कि कई ठेले गुमटी वाले अपने आसपास के छोटे-बड़े दुकानदारों की तुलना में बहुत ज्यादा व्यवसाय करते हुए नजर आते हैं। उनके यहां सुबह से शाम तक ग्रहकों का तांता लगा रहता है। ऐसी ग्राहकी को देखकर उनकी चर्चा पूरे शहर में
होती रहती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि उनकी इस सफलता में वास्तु की ही भूमिका होती है।
 
आप देखेगें कि जो ठेले-गुमटियों में खूब व्यवसाय हो रहा होता है, उन ठेलों और गुमटियों की पूर्व या उत्तर दिशा में निश्चित ही नाली या नाला होता है या किसी भी तरह से जमीन नीची ही होती है जैसे बेसमेंट, सड़क का ढ़लान। इसके विपरीत जिन ठेले और गुमटियों की दक्षिण या पश्चिम दिशा में नाली-नाला या जमीन नीची होती है उनका व्यवसाय तुलनात्मक रुप से बहुत कम होता है।
 
इसी के साथ आप एक विशेष बात देखेगें कि जो ठेले-गुमटियां अच्छा व्यवसाय करते हैं उनके नाली के पीछे के दुकानदारों का व्यवसाय कम रहता है। इसके विपरीत जिन ठेले-गुमटियों का व्यवसाय कम होता है उनकी नाली के पीछे स्थित दुकानदारों का व्यवसाय तुलनात्मक रुप से अच्छा रहता है। इसमें भी वास्तु की ही भूमिका है। अच्छा व्यवसाय करने वाले ठेला-गुमटियों के पीछे नाली पूर्व या उत्तर दिशा
 में पड़ती है और इनके पीछे के दुकानदारों के लिए वही नाली पश्चिम या दक्षिण दिशा की हो जाने के कारण उन दुकानों का व्यवसाय कम होता है। इसके उल्ट जिन ठेले और गुमटियों में कम व्यवसाय होता है क्योंकि उनके पीछे नाली पश्चिम या दक्षिण दिशा में होती है और इनके पीछे के दुकानदारों के लिए वही नाली पूर्व या उत्तर दिशा की हो जाने के कारण उन दुकानों का व्यवसाय अच्छा होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा की नाली प्रसिद्धि दिलवाने में और पूर्व दिशा की नाली धन आगमन में सहायक होती है।
 
नाली के आकार की भी इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका है। नाली छोटी है या बड़ी, कम गहरी है या ज्यादा गहरी। जिस आकार की नाली होगी उसी अनुपात में उन ठेले-गुमटियों का व्यवसाय कम या ज्यादा चलेगा। नाली जितनी बड़ी व गहरी होगी उतना ही उस ठेले या गुमटी का व्यवसाय भी उतना ज्यादा होगा।
 
ऐसे ठेले-गुमटियां जो किसी नाली के ऊपर इस प्रकार लगे है कि नाली केवल उनके मध्य में ही आती है तो ऐसी स्थिति में उन ठेले-गुमटियों वालों का बेवजह खर्च ज्यादा होने से व्यापार में घाटा बना रहता है।
 
वास्तु गुरु कुलदीप सलूजा
thenebula2001@yahoo.co.in     



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