वास्तु में छिपा है श्री खाटू श्याम जी की प्रसिद्धि का राज!

punjabkesari.in Saturday, Aug 22, 2015 - 01:56 PM (IST)

सीकर जिले के खाटू कस्बे के मध्य में स्थित श्याम मंदिर हजारों श्रृद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। यह एक प्रमुख वैष्णव तीर्थस्थल है। यूं तो यहां पर वर्ष भर भक्तों का आवागमन लगा ही रहता है परन्तु प्रतिवर्ष फाल्गुन मास में लगने वाले मेले में भारी जनसैलाब उमड़ता है। खाटू श्याम मंदिर में वीर बर्बरीक को श्याम के रुप में पूजा जाता है, क्योंकि महाभारत के युद्ध के समय भगवान कृष्ण ने बर्बरीक की वीरता एवं उनके बलिदान स्वरुप वरदान दिया था कि कलयुग समय में बर्बरीक को कृष्ण के श्याम स्वरूप के नाम से पूजा जाएगा। अतः इस कारण खाटू में स्थित श्याम मंदिर में बर्बरीक अर्थात श्याम के शीश स्वरुप की पूजा का विधान है।

लोगों की मान्यता है कि यहां आकर श्याम जी के दर्शन प्राप्त करने से पापों की मुक्ति मिलती है। जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं तथा समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तभी तो कहा जाता है, ‘‘हारे के सहारे खाटू श्याम जी हमारे’’। 
 
इस मंदिर के प्रति इतनी आस्था और प्रसिद्धि इसकी वास्तुनुकूल भौगोलिक स्थिति के कारण है, जो कि इस प्रकार है -
 
मकराना मार्बल से बने खाटू श्याम मंदिर में भगवान पूर्वमुखी होकर विराजमान हैं।  मंदिर परिसर के पूर्व दिशा स्थित प्रांगण से मन्दिर लगभग 10 फीट ऊंचाई पर बना हुआ है। प्रांगण में दर्शन के लिए भारी संख्या में आने वाले भक्तों को नियंत्रित के लिए बैरिकेड्स लगे हैं। इस खुले प्रांगण को भक्तों की सुविधा के लिए प्लास्टिक के शेड़ से ढंक भी दिया गया है। मंदिर भवन के पूर्व ईशान में आगे की ओर बढ़ाव लिए हुए हनुमान मन्दिर है। 
 
इस प्रकार जहां एक ओर मंदिर परिसर की पश्चिम दिशा में पूर्व दिशा की तुलना में ऊंचाई है, वहीं दूसरी ओर पूर्व ईशान कोण में हनुमान मंदिर के बढ़ाव की वास्तुनुकूलताओं के कारण खाटू श्याम जी के लिए भक्तों की आस्था और अधिक बढ़ गई है।
 
मंदिर से लगभग 200 मीटर दूर मंदिर की पूर्व दिशा में पवित्र श्याम कुण्ड है। मान्यता है कि इसी कुण्ड से भगवान् श्याम का शीश स्वरुप प्राप्त हुआ था। अच्छे स्वास्थ्य एवं सौभाग्य के लिए भक्तगण इस पवित्र श्याम कुण्ड में स्नान करते हैं। स्नान करने वाले भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए इस श्याम कुण्ड से सटकर एक और बड़ा कुण्ड बनाया गया है।
 
खाटू कस्बे की जमीन का ढ़लान उत्तर दिशा की ओर है। कस्बे की उत्तर दिशा के ढ़लान एवं कस्बे की पूर्व दिशा स्थित प्राचीन एवं नवीन श्याम कुण्ड के कारण श्याम मंदिर को तो प्रसिद्धि मिली ही मिली, इसके साथ-साथ खाटू गांव भी प्रसिद्ध हो गया। इसलिए ही श्याम मंदिर खाटू श्याम मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ है क्योंकि वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी भी स्थान की उत्तर दिशा की नीचाई ही प्रसिद्धि दिलाने में और पूर्व दिशा की नीचाई आस्था बढ़ाने में सहायक होती है। उत्तर एवं पूर्व दिशाओं की इन्हीं वास्तुनुकूलताओं के कारण खाटू श्याम मंदिर विशेष आस्था का केन्द्र बना है।
 
- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा 
thenebula2001@yahoo.co.in

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