लक्ष्मी जी की बहन को करें घर से बाहर तभी व्यतित कर पाएंगे राजा-रानी सा जीवन

punjabkesari.in Thursday, Aug 13, 2015 - 03:45 PM (IST)

देवी लक्ष्मी और अलक्ष्मी दोनों आपस में बहने हैं। समुद्र मंथन के समय ही दोनों प्रकट हुई थी। वैष्णव साहित्य में हालाहल (जहर) को अलक्ष्मी से जोड़ा गया है जो दुर्भाग्य और दारिद्रय की देवी हैं और लक्ष्मी की जुड़वां बहन हैं। शास्त्रानुसार लक्ष्मी और अलक्ष्मी दोनों एक साथ विचरण करती हैं। लक्ष्मी धन ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं परंतु अलक्ष्मी दुर्भाग्य, चरित्रहीनता, दुख और दरिद्रता प्रदान करती हैं। 

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कभी-कभी जीवन में ऐसे हालात बन जाते हैं की व्यक्ति को दुर्भाग्यवश स्थिति का सामना करना पड़ता है। हालात ऐसे भी बिगड़ जाते हैं की व्यक्ति से उसकी किस्मत रूठ जाती है। व्यक्ति का ऐश्वर्य, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और संपन्नता समाप्त हो जाते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो व्यक्ति से लक्ष्मी रूठ जाती है क्योंकि उनके ऊपर उनकी बहन अलक्ष्मी हावी हो जाती हैं। 

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लक्ष्मी हर किसी को जीवन में मीठा एहसास करवाती हैं इसलिए इनका संबंध मिष्ठान से है और उनकी बहन अलक्ष्मी का संबंध खट्टे और कड़वे पदार्थों से है। शुभ मौको पर घर में मिठाई लाकर मुंह मीठा किया जाता है और उसे घर के अंदर सहज कर रखा जाता है जबकि घर से बुरी नजर और दरिद्रता को दूर करने के लिए घर के बाहर नींबू और तीखी हरी मिर्ची घर के बाहर टांगी जाती है। लक्ष्मी मिठाई खाने के लिए घर के भीतर प्रवेश करती हैं जबकि अलक्ष्मी मुख्यद्वार से ही नींबू और मिर्ची खा लेती हैं तृप्त और आनंदित होकर लौट जाती हैं।

राजा-रानी सा जीवन व्यतित करने के लिए रखें कुछ बातों का ध्यान- 

* मुख्यद्वार पर कचरा अथवा गंदगी न रखें। इससे अलक्ष्मी घर के भीतर प्रवेश करती हैं और लक्ष्मी रूठ जाती हैं। 

* घर में बेकार के सामान नहीं रखने चाहिए। समय-समय पर कबाड़ घर से बाहर करते रहा करें।

* घर के गमलों की साफ-सफाई करते रहें और सूखे पत्ते हटाते रहें।

* कमरे की दक्षिण-पश्चिम दीवार पर वार्डरोब सुख-शांति व समृद्धि में सहायक होता है। 


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