दादरी काण्ड: गिरफ्तारी पर रोक के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगा अखलाक का परिवार

punjabkesari.in Tuesday, Jul 26, 2016 - 09:08 PM (IST)

लखनउ: देश को झकझोर देने वाले दादरी काण्ड के पीड़ित परिवार ने मांस के नमूनों की फोरेंसिक जांच की सत्यता पर संदेह जाहिर करते हुए अपने खिलाफ दर्ज गोहत्या के मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। परिवार के वकील असद हयात ने आज यहां राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि दादरी काण्ड में भीड़ के हाथों मारे गए अखलाक का परिवार अपने खिलाफ दर्ज गोहत्या के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए अदालत में याचिका दायर करेगा।  
 
इस मौके पर मौजूद अखलाक के बेटे सरताज ने कहा कि हाल में गौतमबुद्धनगर की अदालत में दाखिल की गई मांस की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में कई कमियां हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर उनके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार अपने मुखिया की हत्या को लेकर बेजार है लेकिन उसे ही अपराधी की तरह देखा जा रहा है। इस शिकायत को लेकर वह पहले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं और जरूरत पड़ी तो दोबारा भी मिलेंगे। राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने इस मौके पर आरोप लगाया कि दादरी काण्ड से सबन्धित मांस के नमूनों की फोरेंसिक जांच के दौरान उनसे छेड़छाड़ की गयी है। जो मांस जांच के लिए भेजा गया वह अखलाक के घर से 150 मीटर दूर पड़ा था। 
 
उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला में जांच के लिए दो किलोग्राम मांस भेजा गया था, लेकिन रिपोर्ट में उसका वजन पांच किलोग्राम बताया गया है। इसका मतलब है कि बाद में उसमें गौमांस मिलाया गया। इसके अलावा दादरी की प्रयोगशाला से पुलिस ने प्लास्टिक के दो बर्तनों में नमूने भेजे थे, लेकिन मथुरा की प्रयोगशाला में जो मांस पहुंचा वह शीशे के बर्तनों में रखा था। 
 

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