हिडन कैमरे से ब्लैकमेल... कोरियन लड़कियों से रे''प, वरिष्ठ बीजेपी नेता को हुई 40 साल की सजा

punjabkesari.in Sunday, Mar 09, 2025 - 12:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ऑस्ट्रेलिया में एक भारतीय व्यक्ति को इतने जघन्य अपराधों के लिए 40 साल की कठोर सजा सुनाई गई है कि जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इस शख्स का नाम बालेश धनखड़ है, जिसे 7 मार्च 2025 को सिडनी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोषी ठहराया। बालेश को 2019 में गिरफ्तार किया गया था और अप्रैल 2023 में उसे दोषी करार दिया गया। बालेश हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव सांजरपुर का रहने वाला है। उसके पिता भारतीय वायुसेना और दिल्ली शिक्षा विभाग से रिटायर्ड अफसर हैं। साल 2005-06 में वह स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गया और वहां की PR ले ली। उसने कई प्रतिष्ठित कंपनियों में एडवाइजर के रूप में काम किया। वह ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी का अध्यक्ष था और हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया का स्पीकर भी रह चुका है।

 


कोरियन लड़कियों को बनाता था शिकार

 

 

बालेश को कोरियन मूवी देखने का बहुत शौक था और इसी के चलते वह कोरियन लड़कियों की तरफ आकर्षित हुआ। उसने एशिया पार्टनरशिप नाम की कंपनी खोली और इंग्लिश ट्रांसलेटर की नौकरी का विज्ञापन दिया। उसने सिर्फ कोरियन लड़कियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया और होटल हिल्टन कैफे में मुलाकात की। लड़कियों को सिडनी का ओपेरा हाउस दिखाने के बहाने अपने वर्ल्ड स्क्वायर टावर अपार्टमेंट में ले जाकर उनके साथ दुष्कर्म करता था।

नशे की हालत में बनाता था अश्लील वीडियो

लड़कियों को शराब या आइसक्रीम ऑफर करता, जिसमें नशीला पदार्थ मिलाया जाता था। नशे की हालत में उनसे दुष्कर्म करता और हिडन कैमरा लगाकर वीडियो रिकॉर्ड करता था। फिर इन वीडियो को दिखाकर उन्हें ब्लैकमेल करता था।

ऐसे खुला राज़

एक कोरियन लड़की को अचानक होश आ गया और उसने बाथरूम में छिपकर अपनी दोस्त को मैसेज भेजा। लड़की किसी तरह भागकर सिडनी पुलिस के पास पहुंची और मामला दर्ज कराया। पुलिस ने तलाशी में बालेश के घर से 47 अश्लील वीडियो और हिडन कैमरा बरामद किया। हर पीड़िता का अलग-अलग फोल्डर था, जिसमें 95 मिनट तक के वीडियो थे। अभी तक कुल 39 मामलों में दोषी पाया गया13 मामले रेप, 6 मामले ड्रग्स देने, 17 मामले न्यूड वीडियो रिकॉर्ड करने और 3 मामले हमले के थे। साल 2017 में गिरफ्तारी के बाद 2018 में उसे जमानत मिली, लेकिन वह तीन साल तक गायब रहा। साल 2023 में दोबारा सुनवाई शुरू हुई और अब 40 साल की सजा सुनाई गई, जिसमें 30 साल तक पैरोल नहीं मिलेगी।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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