अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स शारीरिक संबंध कैसे बनाते हैं?

punjabkesari.in Wednesday, Mar 19, 2025 - 12:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अंतरिक्ष विज्ञान में मानव की जिज्ञासा और शोध के कारण हम अंतरिक्ष की गहराईयों तक पहुंच चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष में शारीरिक संबंध बनाना एक जटिल और अजीब स्थिति हो सकती है? एस्ट्रोनॉट्स महीनों तक अंतरिक्ष में रहते हैं और इस दौरान उनकी दिनचर्या में बहुत सारी चुनौतियाँ होती हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखा जाता है। लेकिन क्या अंतरिक्ष में शारीरिक संबंध बनाना संभव है? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

अंतरिक्ष में शारीरिक संबंध बनाने की चुनौती

स्पेस में शारीरिक संबंध बनाने की बात करें तो सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि अंतरिक्ष में माहौल बहुत अलग होता है। पृथ्वी पर हम अपने वजन और गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके अपने शरीर को नियंत्रित करते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण (gravity) बहुत कम या लगभग शून्य होता है। इसका मतलब है कि शरीर हवा में तैरने लगता है, और बिना स्थिर आधार के एक-दूसरे के पास रहना और शारीरिक संबंध बनाना बहुत कठिन हो सकता है।

बिना गुरुत्वाकर्षण के तैरता हुआ शरीर

अंतरिक्ष में शरीर के तैरने की वजह से एस्ट्रोनॉट्स को मुश्किलें आती हैं। शरीर बिना किसी स्थिरता के हवा में तैरता है, और इस स्थिति में दो व्यक्तियों का एक-दूसरे के पास रहना, संपर्क में आना और शारीरिक संबंध बनाना संभव नहीं होता जैसा पृथ्वी पर होता है। यह एक शारीरिक समस्या है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के बिना लोग एक-दूसरे के करीब नहीं रह सकते, जिससे शारीरिक संबंध बनाना मुश्किल हो जाता है।

क्या स्पेस में यह कभी हुआ है?

रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक अंतरिक्ष में इंसानों के बीच शारीरिक संबंध बनाने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, इस क्षेत्र में कुछ प्रयोग किए गए हैं, लेकिन वे जानवरों पर आधारित थे, इंसानों पर नहीं। यह विषय अभी तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए एक संवेदनशील और जटिल मुद्दा बना हुआ है। विभिन्न वैज्ञानिक और अंतरिक्ष शोधकर्ता इस बारे में अलग-अलग विचार रखते हैं, लेकिन इस पर कोई निर्णायक प्रयोग या परिणाम सामने नहीं आया है।

क्या स्पेस में शारीरिक संबंध संभव है?

वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में शारीरिक संबंध बनाना संभव हो सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ खास शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिस्थितियों का होना जरूरी है। गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण शारीरिक संबंधों में मुश्किलें आ सकती हैं, लेकिन यदि इस स्थिति में उपयुक्त उपकरण और स्थान बनाए जाएं, तो यह संभव हो सकता है।इसके अलावा, अंतरिक्ष में जीवन जीने की परिस्थितियाँ भी अनुकूल नहीं होतीं। अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को बहुत सीमित स्थान और समय मिलता है, और उनका मुख्य ध्यान मिशन पर होता है, न कि शारीरिक सुखों पर। हालांकि, भविष्य में यह हो सकता है कि एस्ट्रोनॉट्स को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इस दिशा में कुछ नई तकनीकों और उपायों का विकास किया जाए।

पहले हो चुका है चूहों पर प्रयोग

ऐसा नहीं है कि वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च नहीं किया। वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष प्रेग्नेंसी को समझने के लिए चूहों के फ्रीज ड्रायड स्पर्म को स्पेस बहुत पहले भेजा था। बाद में इन्हें 6 साल बात पृथ्वी पर लाकर फर्जीलाइज कराया गया था, जिससे 168 चूहों का जन्म हुआ भी हुआ था और इनमें से किसी पर रेडिएशन का असर नहीं था। हालांकि महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे अंतरिक्ष में इंसानी जन्म की संभावना नहीं बनती है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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