पहलगाम हमले के वो 3 अनसुलझे सवाल जिनके जवाब अब तक नहीं मिले

punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 01:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्‍मू-कश्‍मीर के शांत कहे जाने वाले पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस कायराना हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई हृदयविदारक वीडियो सामने आए हैं जिनमें गुजरात की शीतल कलाठिया का वीडियो सबसे ज़्यादा वायरल हुआ। शीतल ने इस हमले में अपने 44 वर्षीय पति शैलेशभाई कलाठिया को खो दिया। हाल ही में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल सूरत में शीतल और उनके परिवार से मिले। इस मुलाकात के दौरान शीतल अपने आंसुओं को रोक नहीं पाईं और उन्होंने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा "आपके पास इतनी सारी वीआईपी गाड़ियां हैं तो उस आम आदमी का क्या जो टैक्स भरता है? वहां न कोई सैनिक था और न ही कोई मेडिकल टीम।" शीतल का यह सवाल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है।

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अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' ने इस हमले में बाल-बाल बचे महाराष्ट्र के पारस जैन से भी बात की। पारस ने बताया कि यह हमला करीब 25 से 30 मिनट तक चला और हैरानी की बात यह है कि इस दौरान घटनास्थल पर न तो कोई पुलिसकर्मी मौजूद था और न ही सेना का कोई जवान। रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का कैंप हमले की जगह से सात किलोमीटर दूर था जबकि सेना के राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) का कैंप पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित था।

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जैसे-जैसे इस हमले में मारे गए लोगों के परिवार और देश के अन्य नागरिक इस गहरे सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं वैसे-वैसे कई गंभीर सवाल भी उठ रहे हैं जिनके जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं। इन सवालों में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यही है कि पहलगाम के इतने लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में आखिर सुरक्षा क्यों नहीं थी?

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इन तीन बड़े सवालों के जवाब:

1. बैसरन जैसे पर्यटन स्थल पर सुरक्षा क्यों नहीं थी?

  • क्या प्रशासन ने जानबूझकर दूरदराज़ क्षेत्र में तैनाती नहीं की थी?

  • क्या पर्यटन को सामान्य दिखाने के प्रयास में सुरक्षा से समझौता किया गया?

2. आम नागरिकों को ही क्यों बनाया गया निशाना?

  • क्या यह आतंकी रणनीति में बड़ा बदलाव है?

  • क्या यह भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश थी?

3. क्या यह खुफ़िया एजेंसियों की नाकामी थी?

  • हमलावरों की कोई जानकारी क्यों नहीं मिली?

  • क्या पाकिस्तान की भूमिका की पुष्टि के बावजूद हम सतर्क नहीं थे?


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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