Gas or Heart Attack?: सीने में दर्द है? गैस और हार्ट अटैक में समझें फर्क, वरना हो सकता है भारी नुकसान

punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 03:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सीने में दर्द, एक ऐसा लक्षण है जो हर किसी को चिंतित कर सकता है, क्योंकि इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें गैस और हार्ट अटैक दोनों शामिल हैं। अक्सर लोग इसे गैस समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह जानना जरूरी है कि गैस और हार्ट अटैक के बीच का फर्क क्या है। दोनों में लक्षण समान हो सकते हैं, लेकिन इनके इलाज का तरीका और परिणाम पूरी तरह से अलग होते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गैस और हार्ट अटैक के दर्द में क्या फर्क है और क्या संकेत आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

गैस और हार्ट अटैक: लक्षणों में फर्क

गैस का दर्द
एक सामान्य डाइजेस्टिव समस्या है, जो पेट और आंतों में फंसी हवा के कारण होता है। यह दर्द अक्सर शार्प, क्रैम्पी या जलन जैसा महसूस हो सकता है, और यह सीने के ऊपरी हिस्से से लेकर पेट तक फैल सकता है। इसके साथ ही ब्लोटिंग, बर्पिंग और शरीर में हैवीनेस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। गैस के कारण होने वाला दर्द अक्सर बाद में हल्का हो जाता है और यह कुछ समय बाद ठीक हो सकता है। जब गैस खासकर बायीं तरफ जमा हो जाती है, तो यह डायाफ्राम पर दबाव डालती है, जिससे सीने में दर्द पैदा हो सकता है। यह दबाव और दर्द हार्ट अटैक के लक्षणों से मेल खा सकता है, इसलिए गैस का दर्द कभी-कभी हार्ट अटैक जैसा महसूस हो सकता है। गैस के दर्द से राहत पाने के लिए आप डकार ले सकते हैं, शरीर की पोजिशन बदल सकते हैं या हल्का भोजन कर सकते हैं। इसके अलावा, भारी भोजन और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से बचने से गैस का दर्द कम हो सकता है।

हार्ट अटैक का दर्द

हार्ट अटैक की स्थिति में, दिल में खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, जिससे सीने में भारीपन, दबाव या कसाव जैसा महसूस होता है। यह दर्द बाएं हाथ, जॉ, गले, पीठ और कंधे तक फैल सकता है। इसके साथ ही सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना, चक्कर आना और मतली जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। यह दर्द और असहजता अक्सर लगातार बना रहता है और आराम पाने के लिए पोजिशन बदलने या रेस्ट करने से कोई राहत नहीं मिलती। हार्ट अटैक के दौरान दर्द नहीं घटता, और यह 10 मिनट या उससे अधिक समय तक बना रहता है, जो इसे अन्य सामान्य दर्द से अलग करता है। अगर हार्ट अटैक का संदेह हो, तो तुरंत इमरजेंसी हेल्प लें और डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से ही इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।

गैस और हार्ट अटैक के बीच का अंतर कैसे पहचानें?

गैस का दर्द

गैस का दर्द अक्सर खाने के बाद या अत्यधिक फैटी और तली-भुनी चीजें खाने से शुरू होता है। यह दर्द आमतौर पर हल्का और अस्थायी होता है, जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है। गैस के दर्द में आराम पाने के लिए डकार लेना या शरीर की पोजिशन बदलना मदद कर सकता है। ये उपाय गैस से उत्पन्न होने वाले दबाव और असहजता को कम करने में सहायक होते हैं, जिससे दर्द में राहत मिलती है।

हार्ट अटैक का दर्द

हार्ट अटैक का दर्द अचानक होता है और यह सामान्य तौर पर ज्यादा समय तक रहता है। इस दौरान दर्द में राहत पाने के लिए कोई उपाय कारगर नहीं होते, चाहे आप अपनी पोजिशन बदलें या आराम करें। हार्ट अटैक के दर्द के साथ सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना, चक्कर आना और मिचली जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। ये लक्षण संकेत देते हैं कि यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, जिससे तुरंत चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होती है।

कब लें डॉक्टरी सलाह?

सीने में दर्द होने पर अगर निम्नलिखित लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: यदि दर्द बाएं हाथ, जॉ, गले, पीठ या कंधे तक फैलने लगे, या सांस लेने में कठिनाई हो, साथ ही अत्यधिक पसीना आने लगे। इसके अलावा, अचानक चक्कर आना या उल्टी की भावना होना, दर्द का 10 मिनट से ज्यादा समय तक बना रहना, और असहजता या घबराहट का अनुभव होना भी चिंता का कारण है। इन लक्षणों का अनुभव होने पर यह गैस का नहीं बल्कि हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में लापरवाही न करें और तुरंत इमरजेंसी सेवाओं से संपर्क करें।

गैस का दर्द और हार्ट अटैक: क्या सावधानी बरतें?

गैस के दर्द से बचाव

गैस के दर्द से बचने के लिए भारी भोजन, तली-भुनी चीजें और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से बचना चाहिए। इनसे पेट में गैस बन सकती है, जो दर्द और असहजता का कारण बनती है। इसके अलावा, नियमित रूप से हल्का और संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है, जिससे पाचन में मदद मिलती है और गैस की समस्या कम होती है। साथ ही, भोजन के तुरंत बाद भारी शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे गैस का निर्माण बढ़ सकता है और दर्द बढ़ सकता है।

हार्ट अटैक से बचाव

हार्ट अटैक से बचाव के लिए नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि करना और एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। इससे दिल स्वस्थ रहता है और रक्त संचार बेहतर होता है। सिगरेट, शराब और अन्य हानिकारक आदतों से बचना भी आवश्यक है, क्योंकि ये हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए, ताकि रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखा जा सके और दिल की सेहत पर निगरानी रखी जा सके। इन आदतों को अपनाकर आप अपनी सेहत को बेहतर रख सकते हैं और दिल से संबंधित समस्याओं से बच सकते हैं।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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