अगर धरती अचानक रुक जाए 5 सेकंड के लिए, तो क्या होगा? तबाही का मंजर पढ़ रुह कांप जाएंगी

punjabkesari.in Saturday, Jul 12, 2025 - 03:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पृथ्वी अरबों सालों से अपनी धुरी पर घूम रही है। इस घूमने की वजह से हमें दिन और रात का पता चलता है और मौसम भी बदलता रहता है। धरती का एक पूरा चक्कर लगाने में 24 घंटे लगते हैं, जिसे हम एक दिन कहते हैं। लेकिन सोचिए अगर अचानक धरती अपनी रफ्तार से घूमना बंद कर दे, भले ही सिर्फ 5 सेकंड के लिए, तो क्या होगा? धरती की सतह पर जो भी चीजें हैं, जैसे पानी, हवा और बिल्डिंग, वे सब धरती के साथ घूम रही होती हैं। जब धरती घूमती है तो इन सबका एक ‘गति’ या momentum होता है। अगर धरती अचानक रुक जाए तो ये सब चीजें अपनी गति से चलते रहेंगे। मतलब, हवा और पानी इतनी तेज रफ्तार से चलेंगे कि वह सब कुछ तहस-नहस कर देंगे।

हवा की तबाही

धरती के भूमध्य रेखा पर घूमने की रफ्तार करीब 1670 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। अगर धरती रुक जाए तो हवा भी इस रफ्तार से चलेगी। यह हवाएं हमारे इतिहास के सबसे भयानक तूफानों से तीन गुना तेज होंगी। इसका मतलब यह है कि अफ्रीका, ब्राजील, या इंडोनेशिया जैसे देशों में इतनी तेज हवाएं चलेंगी कि सब कुछ उड़ा देंगी। यह हवा इंसानों को भी उड़ा सकती है और जमीन की सतह को भी नुकसान पहुंचाएगी।

पानी की तबाही – सुनामी का खतरा

धरती गोल है, लेकिन घूमने की वजह से भूमध्य रेखा पर थोड़ा फूला हुआ है। जब घूमना रुक जाएगा, तो पृथ्वी अपना असली गोल आकार लेगी। इसका मतलब है कि भूमध्य रेखा पर जमा पानी ध्रुवों की तरफ बढ़ेगा। इससे भयंकर सुनामी आएगी जो समुद्र तट के आसपास सब कुछ तबाह कर देगी।

क्या कहीं बचाव संभव है?

हाँ, दो जगहें हैं जहां इस भयंकर तूफान और सुनामी से थोड़ी सुरक्षा मिल सकती है। वे हैं उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव। क्योंकि यहां धरती की घूमने की गति लगभग न के बराबर होती है, इसलिए यहां हवाओं का प्रभाव कम होगा। लेकिन 5 सेकंड के इस ठहराव में पूरी दुनिया तबाह हो जाएगी, शहर खंडहर बन जाएंगे और इंसान भी बचे-बचे रहेंगे।

अगर धरती धीरे-धीरे घूमना बंद करे तो?

अगर अचानक नहीं बल्कि धीरे-धीरे धरती की गति कम हो, तो भी हालात आसान नहीं होंगे। दिन और रात की लंबाई बढ़ जाएगी और अंततः 6 महीने दिन और 6 महीने रात का चक्र शुरू हो जाएगा। इससे मौसम में भारी बदलाव आएगा जो धीरे-धीरे जीवन को खत्म कर सकता है।

धरती के रुकने का विज्ञान और इतिहास

करीब 400 करोड़ साल पहले जब धरती बन रही थी, तब गैस और धूल के बादल टकरा रहे थे। इन टक्करों की वजह से धरती को अपनी घूर्णन गति मिली और तब से धरती घूमती आ रही है। धरती के रुकने का मतलब होगा एक प्राकृतिक आपदा जैसा बड़ा झटका जो इंसानी कल्पना से परे है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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