99 रुपये में बिक रही आपकी पहचान, Telegram बॉट कर रहा आधार, पैन और वोटर ID जैसी जानकारी का सौदा
punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 12:28 PM (IST)

नेशलन डेस्क: आपने कभी सोचा है कि आपने ऐप्स में सारी सेफ्टी सेटिंग्स ऑन कर रखी हैं, टू-स्टेप वेरिफिकेशन भी लगाई है, तो आपकी प्राइवेसी पूरी तरह सुरक्षित होगी? अगर हां, तो अब आपको सतर्क हो जाना चाहिए। एक नई रिपोर्ट ने ये चौंकाने वाला खुलासा किया है कि आपका निजी डेटा बेहद सस्ती कीमत में बिक रहा है, और वो भी केवल 99 रुपये में! Digit की रिपोर्ट के मुताबिक Telegram पर एक ऐसा बॉट एक्टिव है जो लोगों की पर्सनल और संवेदनशील जानकारी बेच रहा है। हैरानी की बात ये है कि इस बॉट के जरिए आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, वोटर आईडी, नाम, पता और यहां तक कि आपके पिता का नाम भी खरीदार को मिल जाता है। रिपोर्ट में इस बॉट का नाम तो उजागर नहीं किया गया है लेकिन बताया गया है कि Digit को इसकी जानकारी एक अनाम स्रोत से मिली।
मात्र 99 रुपये में मिल रहा पूरा प्रोफाइल
Telegram बॉट एक प्लान बेस्ड मॉडल पर काम करता है। अगर कोई व्यक्ति इस बॉट के ज़रिए किसी की जानकारी पाना चाहता है तो उसे पहले एक प्लान खरीदना होता है। यह प्लान 99 रुपये से शुरू होकर 4999 रुपये तक का होता है। जैसे ही यूज़र प्लान खरीदता है, बॉट उससे 10 अंकों का मोबाइल नंबर मांगता है। इसके बाद बस 2 सेकेंड के अंदर, मोबाइल नंबर से जुड़ी पूरी जानकारी सामने आ जाती है। इसमें उस व्यक्ति का:
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पूरा नाम
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वैकल्पिक (alternate) मोबाइल नंबर
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स्थायी पता
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आधार कार्ड नंबर
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पैन कार्ड नंबर
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वोटर आईडी डिटेल्स
जैसी जानकारियां शामिल होती हैं।
बॉट कोई भी बना सकता है, ये है सबसे बड़ा खतरा
Telegram पर बॉट बनाना बहुत आसान है। यही वजह है कि ऐसे बॉट्स की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। कुछ बॉट्स उपयोगी कामों के लिए बनाए जाते हैं लेकिन कुछ का मकसद साइबर अपराध और डेटा चोरी को अंजाम देना होता है। Telegram की एक बड़ी खासियत यही है कि इसमें बॉट्स काफी ताकतवर टूल्स होते हैं और इनकी मॉनिटरिंग बहुत सीमित है। यही वजह है कि ऐसे बॉट्स यूज़र्स की जानकारी को बेचने में कामयाब हो रहे हैं।
टू-स्टेप वेरिफिकेशन भी नहीं बचा पा रहा डेटा
ऐप्स अपने यूज़र्स को सेफ रखने के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन जैसे फीचर देते हैं। लेकिन ये रिपोर्ट ये साबित करती है कि सिर्फ ऐप सेटिंग्स सुरक्षित करने से आपकी पहचान सुरक्षित नहीं रहती। अगर आपके डेटा को पहले ही किसी सरकारी या निजी डेटाबेस से लीक किया गया है तो कोई भी उसे Telegram जैसे प्लेटफॉर्म के ज़रिए खरीद सकता है।
अब क्या करें?
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अपने डॉक्यूमेंट्स की कॉपी सोच-समझकर शेयर करें।
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मोबाइल नंबर को पब्लिक प्लेटफॉर्म्स पर डालने से बचें।
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अपने आधार और पैन की डिजिटल सुरक्षा बढ़ाएं।
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संदिग्ध वेबसाइट्स और बॉट्स से दूर रहें।
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सरकारी पोर्टल्स पर जाकर डेटा लीक की जानकारी चेक करते रहें।