Big Update On Cancer: अब इस पेय पदार्थ से हो रहा मुंह का कैंसर, जानिए इसके बचाव
punjabkesari.in Saturday, Mar 15, 2025 - 11:55 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: भारत में मुंह का कैंसर एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इस बीमारी की बढ़ती दर को लेकर कई शोध सामने आ रहे हैं। अब एक नया अध्ययन सामने आया है, जिसके अनुसार धूम्रपान और शराब के सेवन से ज्यादा, मीठे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन मुंह के कैंसर (Oral Cancer) का कारण बन रहा है। खासकर महिलाओं में यह खतरा बढ़ता जा रहा है। आइए जानते हैं इस शोध के बारे में और कैसे हम इससे बच सकते हैं।
मुंह का कैंसर क्यों बढ़ रहा है?
वॉशिंगटन विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि जो महिलाएं रोजाना कम से कम एक शुगर-स्वीटेड ड्रिंक (मीठा पेय) पीती हैं, उनमें मुंह के कैंसर का खतरा 5 गुना बढ़ जाता है। इस शोध में यह भी खुलासा हुआ कि यह खतरा धूम्रपान और शराब के सेवन से स्वतंत्र है। यह अध्ययन “JAMA Otolaryngology-Head & Neck Surgery” में प्रकाशित हुआ है और इससे अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों को एक नए तरीके से सोचने की जरूरत महसूस हो रही है। इस शोध से पता चला है कि यह समस्या सिर्फ तंबाकू, शराब या सुपारी के सेवन से ही नहीं, बल्कि आहार और लाइफस्टाइल से भी जुड़ी हुई है।
युवा और गैर-धूम्रपान करने वालों में भी बढ़ रहे हैं मामले
पहले मुंह के कैंसर को मुख्य रूप से तंबाकू और शराब का सेवन करने वाले बुजुर्ग पुरुषों में पाया जाता था। लेकिन अब यह बीमारी गैर-धूम्रपान करने वाली महिलाओं में तेजी से फैल रही है, जो न तो धूम्रपान करती हैं और न ही शराब का सेवन करती हैं। यह नए शोध में स्पष्ट रूप से देखा गया है। साल 2020 में विश्वभर में 3,55,000 से अधिक नए मामले सामने आए थे, जिनमें से लगभग 1,77,000 मौतें हुई थीं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह बीमारी अब युवा, गैर-धूम्रपान करने वाले श्वेत महिलाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।
आहार और मिठे पेय पदार्थों का संबंध
वैज्ञानिकों का मानना है कि मुंह के कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे एक बड़ा कारण आहार हो सकता है। इस शोध में यह दावा किया गया है कि अब तक मुंह के कैंसर के बढ़ने के लिए एचपीवी (मानव पैपिलोमा वायरस) संक्रमण को जिम्मेदार माना जाता था, लेकिन इस शोध में एचपीवी को इसका कारण मानने से इंकार कर दिया गया। इसके बजाय, शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक यानी मीठे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन इसके प्रमुख कारणों में से एक बताया गया है।
शोध के निष्कर्ष
- रोजाना कम से कम एक मीठा पेय पीने वाली महिलाओं में मुंह के कैंसर का खतरा 5 गुना अधिक होता है।
- यह खतरा धूम्रपान और शराब के सेवन से स्वतंत्र है।
- अब तक शुगर-स्वीटेंड ड्रिंक्स को आंत और कोलोन कैंसर से जोड़ा जाता था, लेकिन अब सिर और गर्दन के कैंसर से इसका संबंध भी सामने आया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और अध्ययन की प्रमुख लेखिका डॉ. ब्रिटनी बार्बर का कहना है कि "मुँह का कैंसर स्तन या कोलोन कैंसर की तुलना में कम आम है, लेकिन इसके मामलों में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। यह चिंता की बात है कि यह बीमारी अब गैर-धूम्रपान और गैर-शराब पीने वाली महिलाओं में भी बढ़ रही है।"
मीठे पेय पदार्थों से बचने के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब मीठे पेय पदार्थों के अधिक सेवन को लेकर गंभीर चेतावनी दे रहे हैं। कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड जूस और अन्य मीठे पेय सिर्फ मोटापा ही नहीं, बल्कि गंभीर बीमारी जैसे कैंसर का भी कारण बन सकते हैं।
कैसे बचा जा सकता है?
- मीठे पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें।
- संतुलित आहार लें जिसमें प्राकृतिक शर्करा और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों।
- नियमित रूप से मुंह की सफाई करें और दंत चिकित्सक से सलाह लें।
- अगर मुँह में कोई असामान्य परिवर्तन दिखे, जैसे छाले, सूजन या दर्द, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यह नया शोध यह संकेत दे रहा है कि अगर मीठे पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन जारी रहा तो आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।