आज शाम 6 से रात 9 बजे के बीच करें ये काम, मिलेगी पापों से मुक्ती और वैभव-संपन्न जीवन

punjabkesari.in Monday, Aug 29, 2016 - 02:58 PM (IST)

सोम प्रदोष पर भगवान शंकर और पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन व्रत, पूजन और उपाय करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है। सूत जी के अनुसार त्रयोदशी की रात्रि के प्रथम प्रहर अर्थात शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा का दर्शन करता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को अभीष्ट की प्राप्ति होगी। 

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प्रदोष विधि: प्रातः नित्यकर्म से निवृत्त होकर पूर्ण श्रद्धा से परमेश्वर शिव का ध्यान करें। सायंकाल स्नान करने के बाद सफेद वस्त्र पहनें यथा संभव सफेद आसन का ही इस्तेमाल करें। उत्तर की तरफ मुंह करके शिव पूजन करें। शिव के पूजन के पहले मस्तक पर चंदन अथवा भस्म का त्रिपुंड लगा लें। पूजन के पहले शिवलिंग पर जो भी चढ़ा हुआ है उसे साफ कर दें। सर्वप्रथम किसी पार्थिव शिवलिंग अथवा घर में विराजित पारद शिवलिंग को शुद्ध जल से स्नान कराएं। छाछ अथवा दही से रूद्राभिषेक करें। अब शिवलिंग का विधिवत सामर्थ्यानुसार पंचौपचार या दशोउपचार अथवा षोडशोपचार पूजन करें। श्वेत चंदन अर्पित करें। घी का तिलक लगाएं। चावल चीनी, दूध, दही और कमल का फूल शिवलिंग पर अर्पित करें तत्पश्चात बाएं हाथ में कमलगट्टे लेकर दाएं हाथ से रुद्राक्ष अथवा सफेद चंदन की माला से इस मंत्र का जाप करें।  

ॐ ह्रीं रत्नालङ्कृतसर्वाङ्गिने सर्वलोकविभूषणाय नमः शिवाय ह्रीं।।  

पूजा और जाप संपूर्ण होने के बाद मुट्ठी में बंद कमलगट्टे गुलाबी कपड़े में बांधकर पोटली बना लें तथा इस इस पोटली को पूजा घर अथवा किसी सुरक्षित जगह अगले सोम प्रदोष तक के लिए छुपाकर रख दें। अगले सोम प्रदोष आने पर इन कमलगट्टों को किसी प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग पर चढा दें। इस अनुपम उपाय से आपके जीवन के हर वर्ग में सुख और वैभव-संपन्नता का संचय होगा। 
 आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 
 

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