Pics: स्मार्टफोन ने छीन ली हमसे यह चीजें

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2015 - 10:58 AM (IST)

नई दिल्लीः आज हम स्मार्टफोन के इतने आदि हो चुके हैं कि गाने सुनने से लेकर टीवी देखने तक हम स्मार्टफोन का ही इस्तेमाल करते हैं। क्या आप जानते हैं कि स्मार्टफोन के आने से हमने कई चीजों का इस्तेमाल करना छोड़ दिया है। तो पढ़िए हम आज किन चीजों से वंचित हैं:

1. कैमरा
वर्षाें पहले कैमरा का बाजार अपनी अलग पहचान लिए हुए था। छोटे से छोटा कैमरा रखना भी स्टेट्स सिम्बल हुआ करता था। शादी हो या पार्टी या फिर पिकनिक, कैमरा वाले फ्रेंड की याद जरूर आती थी। पर अब स्मार्टफोन के आने के बाद हर बंदा कैमरामैन का काम कर सकता है। नाश्ता करने से लेकर रात को बिस्तर में जाने से पहले गुड नाइट फोटो शेयर करना आम हो गया है। स्मार्टफोन ने अलग से कैमरा रखने की जरूरत को बौना साबित कर दिया है।

2. लैंडलाइन फोन
स्मार्टफोन के आने पर तो मानो लैंडलाइन फोन के सबसे बुरे दिन शुरू हो गए। स्मार्टफोन में ना नंबर याद करने की झंझट और ना ही एक-एक नंबर को डॉयल करने की मेहनत।

3. चिट्ठी-पत्री
पहले अपनी बात को दूसरों तक पहुंचाने के लिए चिट्ठी-पत्री का आसरा होता था। अगर आज चिट्ठी-पत्री की बात करें तो कईयों की हंसी छूट जाएगी। चिट्ठी-पत्री को पीछे छोड़ने में स्मार्टफोन का ही हाथ है। आजकल कुछ बेहद कानूनी दस्तावेजों, कॉल लैटर्स के अलावा शायद ही किसी ने डॉकिए के दर्शन किए हों। मोबाइल फोन मैसेज और कॉल सुविधा ने चिट्ठी-पत्री को गुमनामी के अंधेरे में पहुंचा दिया है।

4. रेडियो
रेडियो को लेकर दो तरह की बातें सामने आती हैं। पहली यह कि मोबाइल फोन ने रेडियो की पहुंच कम करने में बड़ी भूमिका निभाई और दूसरी एफएम को फिर से जीवित करने में स्मार्टफोन ने सबसे बड़ी भूमिका अदा की, लेकिन दोनों ही बातों में नुक्सान रेडियो का ही हुआ। अब छोटे ट्रांजिस्टर टाइप रेडियो स्मार्टफोन में समा गए हैं। एफएम का उदय फिर से जरूर हुआ, लेकिन स्मार्टफोन के आंचल में।

5. कैलकुलेटर
हिसाब-किताब करने के लिए कैलकुलेटर का यूज सब ने किया होगा। खासकर अकाउंट्स और मैथ्स के छात्रों ने तो जरूर किया होगा। आपमें से कितनों को याद है कि पिछली बार कैलकुलेटर डिवाइस यूज किया हो। शायद किसी को नहीं। अब कैलकुलेटर का फीचर स्मार्टफोन में आ गया है। इसके ईजी लेआउट और फास्ट परफोरमेंस ने अलग से कैलकुलेटर खरदीने की जरूरत को गौण कर दिया है।

6. अलार्म क्लॉक
परीक्षा के दिनों में अलार्म क्लॉक पर अर्लाम सैट कर सोना शायद ही कोई भूला हो। स्मार्टफोन ने इस डिवाइस को भी भूतकाल की चीज बना दिया है। स्मार्टफोन में अर्लाम सिस्टम के चलते अर्लाम क्लॉक की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। 50 रूपए में भी अर्लाम क्लॉक मिल जाती है। लेकिन स्मार्टफोन यूजर्स यह खर्चा भी क्यों करें, जब उनके फोन में ही मल्टीपल टाइम प्वाइंट के लिए अर्लाम लगाया जा सकता है। और वो भी कई तरह की अर्लाम टोंस के साथ।

7. म्यूजिक प्लेयर
टेप रिकार्डर को सीडी प्लेयर ने बाहर का रास्ता दिखाया। फिर डीवीडी प्लेयर और एमपी3 प्लेयर का जमाना आया। अब इसकी जगह ले ली है स्मार्टफोन में। अमूमन हर फोन में अब म्युजिक प्लेयर इंस्टॉल आता है। इसमें आप पसंदीदा गानों की प्ले लिस्ट बना सकते हैं। सबसे ज्यादा सुने गए, लेटेस्ट सुने गए और बहुत सारे टैग्स के साथ गानों को सुन सकते हो। इतना ही नहीं अगर आपको तेज आवाज पर गाना सुनना हो, तो 3.5ऑडियो जैक से स्पीकर में भी आउटपुट दे सकते हो। यह आपके फोन को लाउडस्पीकर से भी तेज कर देगा। अब लोगों की शॉपिंग लिस्ट से म्युजिक प्लेयर नदारद रहने लगा है।

8. गेम्स
कुछ ही साल पहले गली-गली में गैमिंग जोन खुले थे। बच्चे, युवा इन जोन्स में ज्वॉय स्टीक थामे घंटों बैठे रहते थे। पर जैसे ही ज्यादा तकनीकी रूप से सॉलिड स्मार्टफोन आए, लोग मोबाइल पर ही गैमिंग का मजा लेने लगे। गैम्स के लिए ही बने स्मार्टफोन बाजार में छाने लगे। अब शायद ही किसी को याद हो कि किसी गली में खुले पार्लर पर गैम खेलने गए हों।

9. फोन डायरी
हम में से ज्यादातर ने अपने माता-पिता को एक खुफिया डायरी मैनटेंन करते देखा होगा। इसमें रिश्तेदारों, दोस्तों और कार्यालय के साथियों के नम्बर हुआ करते थे। फोन करने से पहले निकलती थी, वह डायरी। पर अब ऐसा नहीं है, जिसको फोन करना है उसके नाम का पहला अक्षर टाइप किया और घुमा दिया नंबर। अब ऐसी डॉयरियां बनिए की दुकान से लिए गए उधार का हिसाब रखने के लिए काम में आती हैं।

10. फोटो प्रिंटिंग
स्मार्टफोन ने कैमरा के बाजार में तो सेंध लगाई ही, साथ ही फोटो प्रिंट करने वाले लोगों का काम भी कम कर दिया। जब स्मार्टफोन से अच्छी क्वालिटी के फोटो आने लगे, तो लोगों ने अपनी यादों को कैद रखे के लिए उनके प्रिंट भी लिए लेकिन अब फोन की इंटरनल मैमारी ही इतनी होती है कि आप सैंकड़ो फोटो एक साथ रख सकते हैं। इन फोटोज को अपने दोस्तों के भी स्मार्टफोन से ही शेयर किया जा सकता है। और जब कभी देखने का मन करे, तो मैमोरी के जरिए देखे जा सकते हैं। तो फिर प्रिंट करवाकर पैसे क्यों खर्च करना। सही मायने में अब केवल शादियों के फोटो ही प्रिंट करवाए जाते हैं या फिर किसी बेहद जरूरी काम के लिए।
 


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