पूसा कृषि-मेला के पहले दिन ''''बीज काउंटर'''' पर उमड़ी किसानों की भीड़, खराब प्रबंधन को लेकर की शिकायत
punjabkesari.in Thursday, Mar 02, 2023 - 09:08 PM (IST)

नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) यहां पूसा परिसर में आयोजित प्रसिद्ध कृषि विज्ञान मेला में बृहस्पतिवार को उमड़े सैकड़ों किसानों को बीज खरीदते समय काफी असुविधा का सामना करना पड़ा और उन्होंने आयोजक आईएआरआई के खराब प्रबंधन की शिकायत की।
बीज खरीदने के लिए भीड़ इतनी अधिक थी कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। हंगामे से बचने के लिए बीज काउंटर पर भी सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा था।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक ''पूसा कृषि विज्ञान मेला'' का उद्घाटन बृहस्पतिवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया।
आईएआरआई द्वारा विकसित बीजों की बिक्री हमेशा मेला का मुख्य आकर्षण रही है और उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों के किसान ‘‘गुणवत्ता वाले पूसा बीज’’ खरीदने के लिए यहां आते हैं।
मेला में बीजों की बिक्री के लिए एक बड़ा काउंटर स्थापित किया गया है, जहां आईएआरआई ने 4 मार्च तक बासमती चावल की किस्मों के साथ-साथ मूंग सहित धान के बीज बेचने की योजना बनाई है।
मेले के पहले दिन बीज खरीदने के लिए किसानों की काफी भीड़ रही। कई किसान खरीद पर्ची लेने के लिए सुबह 5 बजे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए और काउंटर के 10 बजे तक खुलने का इंतजार किया।
पंजाब के फाजिल्का के एक किसान, रजनीश कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘काउंटर खुल गया लेकिन भीड़ बढ़ने के कारण बीच में ही बंद करना पड़ा। सुबह से इंतजार कर रहे किसान अधीर हो गए और बिक्री काउंटर अधिकारियों से लड़ने लगे। मैं अभी भी अपनी बारी के इंतजार में कतार में खड़ा हूं।’’
तीस एकड़ भूमि में खेती करने वाले कुमार आईएआरआई की नई बासमती चावल किस्मों और पूसा-1845, पूसा-1847, और पूसा-1886 में से प्रत्येक को 10 किलोग्राम खरीदना चाहते हैं। उन्हें नई किस्में नहीं मिल सकतीं क्योंकि भारी मांग के कारण इसकी बिक्री रद्द कर दी गई है।
हरियाणा के हिसार के एक अन्य किसान कुलदीप ने कहा कि पुलिस भीड़ को संभालने के लिए आई थी और ‘‘मुझे उम्मीद है कि बिक्री काउंटर जल्द ही फिर से खुलेंगे, मैं बीज खरीदूंगा और घर लौटूंगा।’’ उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से आए किसान मोहन लाल ने कहा कि वह पिछले 25 साल से बीज खरीदने के लिए पूसा मेले में आ रहे हैं और ‘‘इस बार सब्जियों की नई किस्मों को आजमाना चाहते हैं।’’ काउंटर पर अपनी बारी का इंतजार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कृषि में गुणवत्तापूर्ण बीज महत्वपूर्ण है। गुणवत्तापूर्ण पूसा बीज खरीदने के लिए यहां आने का कष्ट सहने लायक है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बीज खरीदने के लिए भीड़ इतनी अधिक थी कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। हंगामे से बचने के लिए बीज काउंटर पर भी सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा था।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक ''पूसा कृषि विज्ञान मेला'' का उद्घाटन बृहस्पतिवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया।
आईएआरआई द्वारा विकसित बीजों की बिक्री हमेशा मेला का मुख्य आकर्षण रही है और उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों के किसान ‘‘गुणवत्ता वाले पूसा बीज’’ खरीदने के लिए यहां आते हैं।
मेला में बीजों की बिक्री के लिए एक बड़ा काउंटर स्थापित किया गया है, जहां आईएआरआई ने 4 मार्च तक बासमती चावल की किस्मों के साथ-साथ मूंग सहित धान के बीज बेचने की योजना बनाई है।
मेले के पहले दिन बीज खरीदने के लिए किसानों की काफी भीड़ रही। कई किसान खरीद पर्ची लेने के लिए सुबह 5 बजे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए और काउंटर के 10 बजे तक खुलने का इंतजार किया।
पंजाब के फाजिल्का के एक किसान, रजनीश कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘काउंटर खुल गया लेकिन भीड़ बढ़ने के कारण बीच में ही बंद करना पड़ा। सुबह से इंतजार कर रहे किसान अधीर हो गए और बिक्री काउंटर अधिकारियों से लड़ने लगे। मैं अभी भी अपनी बारी के इंतजार में कतार में खड़ा हूं।’’
तीस एकड़ भूमि में खेती करने वाले कुमार आईएआरआई की नई बासमती चावल किस्मों और पूसा-1845, पूसा-1847, और पूसा-1886 में से प्रत्येक को 10 किलोग्राम खरीदना चाहते हैं। उन्हें नई किस्में नहीं मिल सकतीं क्योंकि भारी मांग के कारण इसकी बिक्री रद्द कर दी गई है।
हरियाणा के हिसार के एक अन्य किसान कुलदीप ने कहा कि पुलिस भीड़ को संभालने के लिए आई थी और ‘‘मुझे उम्मीद है कि बिक्री काउंटर जल्द ही फिर से खुलेंगे, मैं बीज खरीदूंगा और घर लौटूंगा।’’ उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से आए किसान मोहन लाल ने कहा कि वह पिछले 25 साल से बीज खरीदने के लिए पूसा मेले में आ रहे हैं और ‘‘इस बार सब्जियों की नई किस्मों को आजमाना चाहते हैं।’’ काउंटर पर अपनी बारी का इंतजार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कृषि में गुणवत्तापूर्ण बीज महत्वपूर्ण है। गुणवत्तापूर्ण पूसा बीज खरीदने के लिए यहां आने का कष्ट सहने लायक है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।