सरकारी स्वर्ण बॉन्ड योजना में निवेश के लिये आवेदन 22 अगस्त से
punjabkesari.in Saturday, Aug 20, 2022 - 10:03 AM (IST)
नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) सरकारी स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) योजना में निवेशक 22 अगस्त से फिर निवेश कर सकेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 2022-23 की दूसरी श्रृंखला के तहत स्वर्ण बॉन्ड योजना खरीद के लिये 22 अगस्त से 26 अगस्त के दौरान उपलब्ध होगी। इसके लिए निर्गम मूल्य 5,197 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है।
बयान के अनुसार, ‘‘ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से स्वर्ण बांड के लिये आवेदन और भुगतान करने वाले निवेशकों के लिये निर्गम मूल्य 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा। इस तरह के निवेशकों के लिए स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 5,147 रुपये प्रति ग्राम है।’’ केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है।
अभिदान की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए चार किलोग्राम, एचयूएफ के लिये चार किलोग्राम और न्यासों तथा समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष है।
सोने की भौतिक मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले गोल्ड बांड योजना नवंबर, 2015 में लाई गई थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 2022-23 की दूसरी श्रृंखला के तहत स्वर्ण बॉन्ड योजना खरीद के लिये 22 अगस्त से 26 अगस्त के दौरान उपलब्ध होगी। इसके लिए निर्गम मूल्य 5,197 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है।
बयान के अनुसार, ‘‘ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से स्वर्ण बांड के लिये आवेदन और भुगतान करने वाले निवेशकों के लिये निर्गम मूल्य 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा। इस तरह के निवेशकों के लिए स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 5,147 रुपये प्रति ग्राम है।’’ केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है।
अभिदान की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए चार किलोग्राम, एचयूएफ के लिये चार किलोग्राम और न्यासों तथा समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष है।
सोने की भौतिक मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले गोल्ड बांड योजना नवंबर, 2015 में लाई गई थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।