कागज वाले ‘स्ट्रॉ’ के आयात के लिए कंपनियों में मारामारी, प्रतिबंध समयसीमा बढ़ाने का आग्रह

punjabkesari.in Monday, Jun 20, 2022 - 09:12 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) जूस और दूध संबंधी उत्पादों के लिए पैकेट बनानी वाली पारले एग्रो, डाबर और मदर डेयरी जैसे कंपनियां उच्च कीमतों के बावजूद अपने उत्पादों को बेचने के लिए पेपर ‘स्ट्रॉ’ का आयात करने को मजबूर है।
सरकार ने प्लास्टिक ‘स्ट्रॉ’ के इस्तेमाल पर एक जून से पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में कंपनियों ने कई कारणों का हवाला देते हुए इस प्रतिबंध की समयसीमा को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।
विनिर्माताओं की मांग है कि सरकार प्रतिबंध के लागू होने की तारीख को तब तक बढ़ाए जब तक कि स्थानीय स्तर पर पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन के लिए उचित बुनियादी ढांचा विकसित नहीं हो जाता है। कंपनियों का कहना है कि इस तरह के स्ट्रॉ का आयात आर्थिक रूप से अनुकूल नहीं है।

पारले एग्रो की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एस चौहान ने कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर वर्तमान में उद्योग के लिए आवश्यक स्ट्रॉ की मात्रा का उत्पादन करने में सक्षम होने के लिए कोई बुनियादी ढांचा नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने नए नियमों को तय समय सीमा तक पूरा करने के लिए पेपर स्ट्रॉ आयात करना शुरू कर दिया है। हालांकि, आयात एक स्थायी विकल्प नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पॉलीलैक्टिक एसिड (पीएलए) और पेपर स्ट्रॉ आयात करने की लागत क्रमशः 259 प्रतिशत और 278 प्रतिशत बढ़ जाती है। केवल 10 रुपये के उत्पाद के लिए यह बिल्कुल ठीक नहीं है।’’
डाबर इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक (संचालन) शाहरुख खान ने कहा, ‘‘कुछ राज्यों के नियामकों ने ‘जैविक रूप से अपघटित होने वाले प्लास्टिक स्ट्रॉ और पेपर स्ट्रॉ के उपयोग की अनुमति दी है। इन स्ट्रॉ का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए बुनियादी ढांचा आज भारत में मौजूद नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हम सरकार से प्रतिबंध की तारीख को तब तक बढ़ाने का आग्रह करते है, जब तक स्थानीय स्तर पर पेपर स्ट्रॉ के उत्पादन के लिए उचित बुनियादी ढांचा विकसित या तैयार न हो जाए।’’


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PTI News Agency

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