रिजर्व बैंक के दरें बढ़ाने, अच्छे मानसून से महंगाई पर काबू पाने में मिलेगी मदद: सीआईआई
punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 06:04 PM (IST)

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बेंचमार्क ऋण दरों में बढ़ोतरी और अच्छे मानसून की संभावना से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजीव बजाज ने सोमवार को यह बात कही।
बजाज ने सीआईआई प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम अब उच्च ब्याज दरों के युग में हैं। इससे हमें मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून की संभावना के साथ ही विभिन्न कारकों के चलते ‘‘हमें एक बेहतर स्थिति में होना चाहिए। ’’ और वर्ष की दूसरी छमाही में नीति निर्माता यह तय करेंगे कि मुद्रास्फीति और ब्याज दरों कि चाल कैसी है।
बजाज ने कहा कि मुद्रास्फीति बढ़ने के दो पहलू हैं - मांग और आपूर्ति पक्ष। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई ने पहले ही ब्याज दरों को बढ़ाने का चक्र शुरू कर दिया है और हमें आने वाले वर्ष में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद करनी चाहिए। हम केंद्रीय बैंक से एक स्पष्ट दिशा की उम्मीद करेंगे कि वे ब्याज दरों पर किस तरह फैसला करेंगे। उम्मीद है कि अगली नीतिगत समीक्षा में हमें उनसे इस बारे में कुछ सुनने को मिले।’’
सीआईआई का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 - 8.2 प्रतिशत के बीच रहेगी, जो वैश्विक तेल कीमतों पर निर्भर है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बजाज ने सीआईआई प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हम अब उच्च ब्याज दरों के युग में हैं। इससे हमें मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून की संभावना के साथ ही विभिन्न कारकों के चलते ‘‘हमें एक बेहतर स्थिति में होना चाहिए। ’’ और वर्ष की दूसरी छमाही में नीति निर्माता यह तय करेंगे कि मुद्रास्फीति और ब्याज दरों कि चाल कैसी है।
बजाज ने कहा कि मुद्रास्फीति बढ़ने के दो पहलू हैं - मांग और आपूर्ति पक्ष। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई ने पहले ही ब्याज दरों को बढ़ाने का चक्र शुरू कर दिया है और हमें आने वाले वर्ष में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद करनी चाहिए। हम केंद्रीय बैंक से एक स्पष्ट दिशा की उम्मीद करेंगे कि वे ब्याज दरों पर किस तरह फैसला करेंगे। उम्मीद है कि अगली नीतिगत समीक्षा में हमें उनसे इस बारे में कुछ सुनने को मिले।’’
सीआईआई का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 - 8.2 प्रतिशत के बीच रहेगी, जो वैश्विक तेल कीमतों पर निर्भर है।
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