सीबीएम ब्लॉकों के लिए बोलियां 15 फरवरी से 15 मार्च तक दी जा सकेंगी : डीजीएच
punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 04:29 PM (IST)
नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) एक दशक से अधिक समय में पहली कोल-बेड मीथेन (सीबीएम) दौर की बोली के तहत पेश 15 ब्लॉकों के लिए बोलियां 15 फरवरी से 15 मार्च तक जमा की जा सकेंगी। हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
विशेष सीबीएम बोली दौर - 2021 के तहत बोली की शुरुआत पिछले साल सितंबर में हुई थी, और पहले इसे 20 फरवरी, 2022 तक पूरा किए जाना था, लेकिन बाद में इस समयसीमा को आगे बढ़ा दिया गया।
डीजीएच ने एक नोटिस में कहा, ‘‘विशेष सीबीएम बोली दौर - 2021 के लिए बोलियां 15 फरवरी, 2022 से 15 मार्च, 2022 तक दाखिल की जा सकेंगी। ’’
सरकार ने कोल सीम (सीबीएम) से गैस निकालने के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 15 ब्लॉक की पेशकश की है।
एक दशक से अधिक समय में यह पहली सीबीएम दौर की बोली है। अंतिम दौर, 2010 में आयोजित किया गया था।
सीबीएम कोयला क्षेत्रों में कोयले की परतों के नीचे पाई जाने वाली गैस या मीथेन है। यह प्राकृतिक गैस के समान है और इसका इस्तेमाल बिजली संयंत्रों, उर्वरक इकाइयों को चलाने या वाहनों में सीएनजी के रूप में किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक पांच ब्लॉक हैं। इसके अलावा झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा में दो-दो ब्लॉक की पेशकश की गई है। छत्तीसगढ़ में तीन और पश्चिम बंगाल में एक ब्लॉक की पेशकश की गई है।
सरकार ने पिछले चार दौर की बोली में 29 सीबीएम ब्लॉक आवंटित किए हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
विशेष सीबीएम बोली दौर - 2021 के तहत बोली की शुरुआत पिछले साल सितंबर में हुई थी, और पहले इसे 20 फरवरी, 2022 तक पूरा किए जाना था, लेकिन बाद में इस समयसीमा को आगे बढ़ा दिया गया।
डीजीएच ने एक नोटिस में कहा, ‘‘विशेष सीबीएम बोली दौर - 2021 के लिए बोलियां 15 फरवरी, 2022 से 15 मार्च, 2022 तक दाखिल की जा सकेंगी। ’’
सरकार ने कोल सीम (सीबीएम) से गैस निकालने के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 15 ब्लॉक की पेशकश की है।
एक दशक से अधिक समय में यह पहली सीबीएम दौर की बोली है। अंतिम दौर, 2010 में आयोजित किया गया था।
सीबीएम कोयला क्षेत्रों में कोयले की परतों के नीचे पाई जाने वाली गैस या मीथेन है। यह प्राकृतिक गैस के समान है और इसका इस्तेमाल बिजली संयंत्रों, उर्वरक इकाइयों को चलाने या वाहनों में सीएनजी के रूप में किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक पांच ब्लॉक हैं। इसके अलावा झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा में दो-दो ब्लॉक की पेशकश की गई है। छत्तीसगढ़ में तीन और पश्चिम बंगाल में एक ब्लॉक की पेशकश की गई है।
सरकार ने पिछले चार दौर की बोली में 29 सीबीएम ब्लॉक आवंटित किए हैं।
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