उच्चतम न्यायालय ने अमेजन को सीसीआई के समक्ष पेश होने के लिए दो सप्ताह की और मोहलत दी

punjabkesari.in Monday, Nov 29, 2021 - 08:10 PM (IST)

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज अमेजन को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के समक्ष पेश होकर अपनी दलीलें रखने के लिए दो सप्ताह का वक्त और दे दिया है।

प्रतिस्पर्धा आयोग ने फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) के साथ निवेश सौदे के लिए अमेजन को दी गई मंजूरी वापस लेने से संबंधित मामले में सुनवाई स्थगित करने से इनकार कर दिया था।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यामूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सोमवार को अमेजन का पक्ष सुनने के बाद कहा कि वह इस मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं करेगी लेकिन कंपनी को कुछ और वक्त देती है। यह राहत दिल्ली उच्च न्यायालय से अमेजन को मिले वक्त से इतर होगी।
मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील का निपटारा करते हुए कहा, ‘‘हम इस मामले के ब्योरे में नहीं जा रहे हैं। हम दो सप्ताह की मोहलत और देंगे। आप इस वक्त का इस्तेमाल करें और सीसीआई के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखें।’’
फ्यूचर ग्रुप की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सीसीआई में सुनवाई स्थगित किए जाने की मांग ठुकराए जाने के पक्ष में दलीलें पेश करने की कोशिश की तो न्यायालय ने कहा, ‘‘सीसीआई को सुनवाई पूरी करने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी? कृपया हमें इस मुकदमे के गुण-दोष पर टिप्पणी करने की स्थिति में न लाइए।’’
गत 24 नवंबर को सीसीआई ने सुनवाई स्थगित करने के अमेजन के अनुरोध को ठुकरा दिया था। इसके पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीसीआई को निर्देश दिया था कि इस मामले का दो सप्ताह में निपटारा कर दिया जाए। वह आदेश खुदरा कारोबारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की तरफ से दायर याचिका पर आया था।

कैट ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि फ्यूचर ग्रुप को आपूर्ति करने वाले करीब 6,000 कारोबारियों के हितों को सुरक्षित किया जाए। इस समूह को कारोबारियों ने करीब 10,000 करोड़ रुपये के उत्पादों की आपूर्ति की थी।

अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच फ्यूचर रिटेल की संभावित बिक्री को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। रिलायंस रिटेल के हाथों फ्यूचर रिटेल के 24,713 करोड़ रुपये के अधिग्रहण सौदे का अमेजन यह कहते हुए विरोध कर रही है कि यह सौदा फ्यूचर ग्रुप के साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन करता है।



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PTI News Agency

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