सरकार ने खनिज संरक्षण और विकास नियमों में संशोधनों को अधिसूचित किया

punjabkesari.in Wednesday, Nov 10, 2021 - 06:14 PM (IST)

नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) सरकार ने खनिज संरक्षण और विकास नियमों में संशोधनों को अधिसूचित कर दिया है। संशोधित नियमों से न केवल खान नियोजन प्रक्रिया और सुरक्षा में सुधार होगा बल्कि खनन कार्यों की बेहतर देखरेख भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
खनिज संरक्षण और विकास नियम (एमसीडीआर) को खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) की धारा 18 के तहत तैयार किया गया है।
नए नियम खनिजों के संरक्षण, व्यवस्थित और वैज्ञानिक खनन, देश में खनिजों के विकास और पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित हैं।

खनन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रालय ने खनिज संरक्षण और विकास नियम, 2017 (एमसीडीआर) में संशोधन करने के लिए तीन नवंबर, 2021 को खनिज संरक्षण और विकास (संशोधन) नियम, 2021 जारी किये हैं।’’
मंत्रालय ने कहा कि संशोधित नियम राज्य सरकारों, उद्योग संघों, खनिकों तथा अन्य हितधारकों समेत आम जनता के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए हैं।
खनिज संरक्षण और विकास के नए या संशोधित नियमों के तहत पट्टेदारों और आशय पत्र धारकों द्वारा खनन क्षेत्र की डिजिटल छवियों प्रस्तुत करना जरूरी होगा।
इसके अलावा दस लाख टन या उससे अधिक की वार्षिक उत्खनन योजना वाले, 50 हेक्टेयर या उससे अधिक के पट्टे वाले क्षेत्र के पट्टेदारों को हर साल लीज सीमा के बाहर और 100 मीटर तक लीज (किराये पर) क्षेत्र की ड्रोन सर्वे छवियां (इमेज) पेश करनी होंगी।
मंत्रालय के अनुसार नियमों में दंड प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाया गया है। संशोधित नियमों से पहले उल्लंघन की गंभीरता के बावजूद प्रत्येक नियम के उल्लंघन के लिए दो साल तक की कैद या 5 लाख रुपये तक के जुर्माना या दोनों का प्रावधान था।
अब नियमों के उल्लंघन का वर्गीकरण किया गया है।
वही मामूली उल्लंघन के मामले में जुर्माना कम किया गया है और इस तरह के उल्लंघनों के लिए केवल जुर्माने देना होगा।

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PTI News Agency

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