सरकार ने विनिर्माण स्रोत देश की गलत जानकारी देने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों को 202 नोटिस दिये
punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 09:27 AM (IST)
नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर सूचीबद्ध उत्पादों के विनिर्माण के स्रोत देश के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर पिछले एक साल में उन्हें 202 नोटिस जारी किये हैं।
दिये गये अधिकतर नोटिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित हैं। उसके बाद कपड़ा और घरों में उपयोग होने वाले उत्पादों का स्थान है।
कुल 217 नोटिसों में से 202 नोटिस विनिर्माण स्रोत देश से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर दिये गये। जबकि शेष 15 नोटिस मियाद-समाप्ति की तारीख, विनिर्माता / आयातक के पते की गलत जानकारी, अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा वसूलना, गैर-मानक इकाइयां और शुद्ध मात्रा में गड़बड़ी को लेकर दिये गये।
हालांकि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उन ई-कॉमर्स कंपनियों का नाम नहीं बताया, जिन्हें नोटिस दिये गये हैं।
यह पूछे जाने पर कि आखिर सरकार नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के नाम क्यों नहीं सार्वजनिक कर रही, उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा, ‘‘हम इसके जरिये कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को सतर्क करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कंपनियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के संदर्भ में वह सब किया जाता है, जो कानूनी रूप से बनाए रखने योग्य है। और उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों को जानने की जरूरत है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की मुख्य आयुक्त और मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा, ‘‘लगभग 76 कंपनियों ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और उनसे नियमों के उल्लंघन को लेकर 42,85,400 रुपये वसूले गये।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
दिये गये अधिकतर नोटिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संबंधित हैं। उसके बाद कपड़ा और घरों में उपयोग होने वाले उत्पादों का स्थान है।
कुल 217 नोटिसों में से 202 नोटिस विनिर्माण स्रोत देश से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर दिये गये। जबकि शेष 15 नोटिस मियाद-समाप्ति की तारीख, विनिर्माता / आयातक के पते की गलत जानकारी, अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा वसूलना, गैर-मानक इकाइयां और शुद्ध मात्रा में गड़बड़ी को लेकर दिये गये।
हालांकि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उन ई-कॉमर्स कंपनियों का नाम नहीं बताया, जिन्हें नोटिस दिये गये हैं।
यह पूछे जाने पर कि आखिर सरकार नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के नाम क्यों नहीं सार्वजनिक कर रही, उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा, ‘‘हम इसके जरिये कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को सतर्क करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कंपनियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के संदर्भ में वह सब किया जाता है, जो कानूनी रूप से बनाए रखने योग्य है। और उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों को जानने की जरूरत है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की मुख्य आयुक्त और मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा, ‘‘लगभग 76 कंपनियों ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और उनसे नियमों के उल्लंघन को लेकर 42,85,400 रुपये वसूले गये।’’
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