कृषि-रसायनों के अत्यधिक उपयोग को रोकें, जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत: तोमर

punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 09:33 PM (IST)

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा कि रसायनों और उर्वरकों के इस्तेमाल से भारत को खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है, लेकिन फसल के पोषक तत्वों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग को रोकने की जरूरत है।
फिक्की द्वारा आयोजित 10वें कृषि रसायन सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उचित संतुलन बनाए रखने के लिए रासायनिक आधारित कृषि के साथ-साथ जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है।

तोमर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार पीएम-किसान और एक लाख करोड़ रुपये के कृषि बुनियादी ढांचा कोष जैसे विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत के जरिये किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को अपनी उपज के विपणन में स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए तीन नए कृषि कानून लाई है।
तोमर ने कहा कि केंद्र ने पीएम-किसान योजना के माध्यम से 11.37 करोड़ किसानों के बैंक खातों में सीधे 1.58 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया है, जिसके तहत किसानों को तीन समान किश्तों में सालाना 6,000 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने पिछले सात वर्ष में कृषि को लाभप्रद बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। सरकार युवा पीढ़ी को कृषि क्षेत्र की ओर आकर्षित करने की दिशा में भी काम कर रही है।
कृषि रसायनों के बारे में बात करते हुए, मंत्री ने कहा कि एक प्रकार की खेती पर अधिक निर्भरता नहीं होनी चाहिए तथा जैविक और प्राकृतिक खेती सहित सभी प्रकार की खेती को बढ़ावा देकर संतुलन बनाए रखने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि रसायनों, उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से निश्चित तौर पर देश को अधिशेष खाद्यान्न उत्पादन करने में मदद मिली है। हालांकि, तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में रसायनों के अत्यधिक उपयोग को रोका जाना चाहिए।
कार्यक्रम में बोलते हुए, फिक्की-फसल संरक्षण समिति के अध्यक्ष और धानुका समूह के अध्यक्ष, राम गोपाल अग्रवाल ने पंजीकरण और लाइसेंस प्रणाली में सुधार की मांग की।
उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका की तुलना में भारत में कीटनाशकों की खपत बहुत कम है। अग्रवाल ने बाजार में नकली और घटिया कीटनाशकों की बिक्री पर कार्रवाई की भी मांग की, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है।


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PTI News Agency

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