जीई रिन्यूएबल इनर्जी कुल 110 मेगावाट क्षमता के लिए 42 विंड टर्बाइन क्लीनमैक्स को आपूर्ति करेगी
punjabkesari.in Wednesday, Apr 21, 2021 - 04:17 PM (IST)
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) जीई रिन्यूएबल एनर्जी ने नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी क्लीनमैक्स को कुल 110 मेगावाट की क्षमता की मिलीजुली पवन वद्युत परियोजनाओं के लिए 42 स्थलीय पवनशक्ति चालित टरबाइन यंत्रों की आपूर्ति करने की बुधवार को घोषणा की है।
जीई रिन्यूएबल ने एक बयान में कि भारत में हवा की धीमी गति का उपयोग करने में सहायाक जीई की 2.7-132 विंड टरबाइन ग्राहकों के लिए अनुकूल है।
भारत में जीई की महत्वपूर्ण उपस्थिति का उसके ग्रहकों को विशेष लाभ है। कंपनी इन यंत्रों के डिजाइन का काम बेंगलुरु में जीई के प्रौद्योगिकी केंद्र में करती है। वडोदरा के जीई संयंत्रों में ब्लेड बनाये जा रहे हैं और पुणे में जीई की बहु-मोडल विनिर्माण सुविधा में कल-पुर्जो की एसेम्बली (परस्पर जोड़ने) की जाती है।
दक्षिण एशिया और आसियान बाजार में जीई अक्षय ऊर्जा की आनशोर पवन-विद्युत से जुड़े कारोबार के क्षेत्रीय प्रमुख गिलान सबाटियर ने कहा, ‘‘यह परियोजना उल्लेखनीय है। यह दिखाता है कि हम नए आर्थिक मॉडल के साथ क्या हासिल कर सकते हैं, और हम क्लीनमैक्स के साथ एक नए संबंध बनाने के लिए रोमांचित और आभारी हैं।’’
भारत ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा पर आधारित 175 गीगावॉट (जिसमें से 60,000 मेगावॉट क्षमता पवन ऊर्जा की होगी) बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
जीई रिन्यूएबल ने एक बयान में कि भारत में हवा की धीमी गति का उपयोग करने में सहायाक जीई की 2.7-132 विंड टरबाइन ग्राहकों के लिए अनुकूल है।
भारत में जीई की महत्वपूर्ण उपस्थिति का उसके ग्रहकों को विशेष लाभ है। कंपनी इन यंत्रों के डिजाइन का काम बेंगलुरु में जीई के प्रौद्योगिकी केंद्र में करती है। वडोदरा के जीई संयंत्रों में ब्लेड बनाये जा रहे हैं और पुणे में जीई की बहु-मोडल विनिर्माण सुविधा में कल-पुर्जो की एसेम्बली (परस्पर जोड़ने) की जाती है।
दक्षिण एशिया और आसियान बाजार में जीई अक्षय ऊर्जा की आनशोर पवन-विद्युत से जुड़े कारोबार के क्षेत्रीय प्रमुख गिलान सबाटियर ने कहा, ‘‘यह परियोजना उल्लेखनीय है। यह दिखाता है कि हम नए आर्थिक मॉडल के साथ क्या हासिल कर सकते हैं, और हम क्लीनमैक्स के साथ एक नए संबंध बनाने के लिए रोमांचित और आभारी हैं।’’
भारत ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा पर आधारित 175 गीगावॉट (जिसमें से 60,000 मेगावॉट क्षमता पवन ऊर्जा की होगी) बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
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