डेटा को मूलभूत सुविधा के तौर पर मानने की आवश्यकता: सीईए
punjabkesari.in Thursday, Nov 05, 2020 - 09:14 AM (IST)
नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा)मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियम ने मंगलवार को कहा कि डेटा (सूचना-सामग्री) को मूलभूत आर्थक ढांचे के तौर पर लिया जाना चाहिये और इसमें राजमार्गों और हवाईअड्डों की तरह ही निवेश किउ जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये एक कार्यक्रम में कहा कहा कि डाटा केवल कामकाज में सुगमता नहीं है बल्कि जीवन जीने की भी सुगमता है। डेटा का इस्तेमाल करते हुये जीवन को और बेहतर बनाया जा सकता है।
सुब्रमणियम ने कहा, ‘‘हमें डाटा को सार्वजनिक हित की चीज मानना चाहिये ... डेटा को मूलभूत सुविधा की तरह माना जाना चाहिये जिसमें निवेश होना चाहिये, इसमें राजमार्गो और हवाईअड्डों की तरह निवेश किया जाना चाहिये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निजता कानून का उल्लंघन किये बिना बड़े पैमाने पर डाटा जुटाया जाना चाहिए। डेटा में प्रत्येक व्यक्ति की पूरी जानकारी होनी चाहिये।’’
सुब्रमणियम ने कहा कि डेटा का इस्तेमाल कृषि, विनिर्माण, व्यवहारिक अर्थशास्त्र और एमएसएमई क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिये किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्ट अप का दूसरा बड़ा तंत्र है। ‘‘मैं जीवन जीने में सुगमता की स्टार्टअप अर्थव्यवस्था को लेकर काफी उत्साहित हूं।’’
उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप के इस्तेमाल के लिये डेटा की विपुल उपलब्धता है, खासतौर से प्रशासनिक क्षेत्र का डाटा काफी मात्रा में उपलब्ध है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये एक कार्यक्रम में कहा कहा कि डाटा केवल कामकाज में सुगमता नहीं है बल्कि जीवन जीने की भी सुगमता है। डेटा का इस्तेमाल करते हुये जीवन को और बेहतर बनाया जा सकता है।
सुब्रमणियम ने कहा, ‘‘हमें डाटा को सार्वजनिक हित की चीज मानना चाहिये ... डेटा को मूलभूत सुविधा की तरह माना जाना चाहिये जिसमें निवेश होना चाहिये, इसमें राजमार्गो और हवाईअड्डों की तरह निवेश किया जाना चाहिये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निजता कानून का उल्लंघन किये बिना बड़े पैमाने पर डाटा जुटाया जाना चाहिए। डेटा में प्रत्येक व्यक्ति की पूरी जानकारी होनी चाहिये।’’
सुब्रमणियम ने कहा कि डेटा का इस्तेमाल कृषि, विनिर्माण, व्यवहारिक अर्थशास्त्र और एमएसएमई क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिये किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्ट अप का दूसरा बड़ा तंत्र है। ‘‘मैं जीवन जीने में सुगमता की स्टार्टअप अर्थव्यवस्था को लेकर काफी उत्साहित हूं।’’
उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप के इस्तेमाल के लिये डेटा की विपुल उपलब्धता है, खासतौर से प्रशासनिक क्षेत्र का डाटा काफी मात्रा में उपलब्ध है।
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