सीपीआई- औद्योगिक श्रमिकों के आधार वर्ष में संशोधन संदेहजनक: एटक
punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 06:36 PM (IST)
नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने शनिवार को कहा कि औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार वर्ष को संशोधित करने के लिए श्रम मंत्रालय द्वारा उठाया गया कदम ‘‘संदेहजनक’’ है।
एटक ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि इस कदम से श्रमिकों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (डीए) में कमी होगी।
श्रम मंत्रालय ने हाल ही में सीपीआई-आईडब्ल्यू के लिए आधार वर्ष को 2001 से संशोधित कर 2016 कर दिया है।
खुदरा महंगाई के मूल्यांकन में सीपीआई-आईडब्ल्यू एक मात्र सर्वाधिक महत्वपूर्ण मूल्य सूचकांक है, जिसके वित्तीय निहितार्थ हैं।
सीपीआई-आईडब्ल्यू का इस्तेमाल मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के महंगाई भत्ते को विनियमित करने के लिए किया जाता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एटक ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि इस कदम से श्रमिकों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (डीए) में कमी होगी।
श्रम मंत्रालय ने हाल ही में सीपीआई-आईडब्ल्यू के लिए आधार वर्ष को 2001 से संशोधित कर 2016 कर दिया है।
खुदरा महंगाई के मूल्यांकन में सीपीआई-आईडब्ल्यू एक मात्र सर्वाधिक महत्वपूर्ण मूल्य सूचकांक है, जिसके वित्तीय निहितार्थ हैं।
सीपीआई-आईडब्ल्यू का इस्तेमाल मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के महंगाई भत्ते को विनियमित करने के लिए किया जाता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।