विनिवेश प्राप्ति 50,298 करोड रुपये पर, संशोधित लक्ष्य नहीं हो सका हासिल

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2020 - 09:20 PM (IST)

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के संशोधित लक्ष्य को भी हासिल करने में असफल रही है। केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से होने वाली प्राप्तियों का संशोधित लक्ष्य हासिल करने में वह 14,700 करोड़ रुपये पीछे रह गई।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2019- 20 में सरकार की विनिवेश के जरिये वास्तविक प्राप्ति 50,298.64 करोड़ रुपये रही है जबकि संशोधित बजट अनुमान में सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये की राशि विनिवेश से मिलने की उम्मीद लगाई थी। इस प्रकार संशोधित अनुमान हासिल करने में भी सरकार को करीब 14,700 करोड़ रुपये की कमी रह गई।
सरकार ने 2019- 20 के बजट में विनिवेश प्राप्तियों से 1.05 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया था जिसे 2020- 21 का बजट पेश करते समय संशोधित कर 65,000 करोड़ रुपये कर दिया गया।
चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कापोर्रेशन लिमिटेड और नीपको में अपनी हिस्सेदारी का एनटीपीसी को रणनीतिक विनिवेश कर 11,500 करोड़ रुपये प्राप्त किये। इसके साथ ही कामाराजन पोर्ट की रणनीतिक बिक्री चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट को 2,383 करोड़ रुपये में कर दी गई।
केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के इटटीएफ के फालो-आन आफर से 26,500 करोड़ रुपये और भारत-22 ईटीएफ के जरिये 4,368 करोड़ रुपये जुटाये गये। इसके अलावा दो उपाक्रमों आरवीएनएल और आईआरसीटीसी के प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम के जरिये 1,113 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई। वहीं राइट्स में बिक्री पेशकश के जरिये सरकार को 1,130 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई।
मॉयल, एमडीएल और एसपीएमसीआईएल द्वारा शेयरों की वापस खरीद से सरकार को 821 करोड़ रुपये मिले वहीं एसयूयूटीआई से 600 करोड़ रुपये की प्राप्ति सरकारी खजाने में हुई। शत्रु शेयरों की बिक्री करके भी सरकार ने 1,881 करोड़ रुपये जुटाये।
सरकार ने 2017- 18 में विनिवेश से एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था जिसके मुकाबले उसने एक लाख करोड़ रुपये से कुछ अधिक राशि हासिल की। इसी प्रकार 2018- 19 में उसने 80 हजार करोड़ रुपये के बजट लक्ष्य के मुकाबले 84,972 करोड़ रुपये प्राप्त किये। लेकिन अब दो साल के बाद सरकार विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में असफल रही है।
अगले वित्त वर्ष 2020- 21 के लिये उसने विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बड़ा लक्ष्य रखा है। वर्ष के दौरान एयर इंडिया, बीपीसीएल का विनिवेश सरकार की सूची में शामिल है। इसके अलावा उसने एलआईसी के आईपीओ के जरिये भी राशि जुटाने की घोषणा की है।




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PTI News Agency

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