भगवान महावीर के जीवन को Vinay Agrawal ने कराया गोल्डन बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 11:45 PM (IST)

टीम डिजिटल। जैन समाज भगवान महावीर के भक्त कहलाते हैं। भक्त अपने भगवान की आस्था में कुछ ऐसा कर दिखा देते हैं जो दुनिया के लिए कभी कभी मिसाल बन जाता है. हमारा देश में ऐसे भक्तो के प्रेम और समर्पण का भंडार पाया जाता है।

यहीं प्रेम समर्पण छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित न्यू राजेन्द्र नगर में भी देखने को मिला। जहाँ महावीर स्वामी के जिनालय में भगवान महावीर के जीवन के जन्म से लेकर मोक्ष तक के सफ़र को रंगोली में उतार दिया गया। इस कला को ISBM University के चांसलर Vinay Agrawal ने सराहा और इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करवा दिया. बता दें कि ये शुभ काम साध्वी स्नेहयशाश्री जी की छत्रछाया में कराया गया. वहीं इन रंगोली के बारे में  आध्यात्मिक चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विवेक डागा ने बताया कि इस जैन आश्रम में 10 अध्याय में भगवान महावीर की 33 रंगोलियों को बनाया गया था।

इन सभी रंगोली में भगवान के जीवन सभी पहलुओं को दर्शाने की कोशिश की गयी थी. वहीं इस कला को देखने के लिए जैन समाज के प्रमुख और अनेक पदाधिकारी भी शामिल हुए. जिसके बाद इस रंगोली के संग्रह को ISBM University के चांसलर Vinay Agrawal ने गोल्डन बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवा दिया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि महावीर स्वामी के जीवन चक्र का अद्भुत प्रदर्शन किया गया है।

कौन देखने पहुंचे इन रंगोली कला को?
इस महान रंगोली प्रदर्शन को देखने के लिए रायपुर के ग्रामीण क्षेत्र के विधायक सत्यनारायण शर्मा , शदाणी दरबार के प्रमुख संत श्री युधिष्ठिरलाल जी, उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा, पूर्व अल्पसंख्यक आयोग के कैबिनेट मंत्री डॉ. सलीम राज, श्रीसंघ शंकर नगर के अध्यक्ष प्रेमचंद लुणावत, अविनाश ग्रुप के अरुण सिंघानिया, नगर निगम जोन 10 के अध्यक्ष एवं पार्षद आकाशदीप शर्मा, सचिन मेघानी, सुबोध हरितवालके साथ साथ सेंट पॉल्स चर्च के फादर सबेस्टियन ने भगवान महावीर स्वामी के जीवन चक्र पर आधारित रंगोली का दर्शन किया और प्रतिभा को प्रोत्साहित भी किया।

रंगोली कला को देखकर लोगों की प्रतिक्रिया
भगवान महावीर के जीवन चक्र पर आधारित इस रंगोली के संगम को देखने आये विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि रंगोली को गोल्डन बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. यह रायपुर शहर के लिए एक बड़ी उपलब्धि और गर्व की बात है।

जैन धर्म की संस्कृति को कोरोना काल में सबने अपनाया
वहीँ इस मौके पर संत युधिष्ठिर लाल ने कहा कि ऐसे समय में जब इंसान कोरोना के आगे हार चूका था इस समय में डॉक्टरों ने भी जैन धर्म में सदियों से अपनाये नियम और संस्कृति का अनुसरण करने के लिए ही कहा जैसे गर्म पानी पीना, मुँह पर कपड़ा रखना और समय समय पर हाथ धोना. इसी के साथ उन्होंने कहा कि जैन समाज ने दुनिया को जीवन जीने की कला के साथ जीवन के महत्व और अपने आप को पहचानने का हुनर भी दिया है।

वहीं भारतीय जैन संगठन के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद लुणावत ने कहा कि वि समाज के सभी सदस्यों से यह अपील करते है कि वे महावीर स्वामी जिनालय में उनके जीवन चक्र पर आधारित रंगोली एक बार देखने जरूर आये।
 


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Content Writer

Jyotsna Rawat

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