पंजाब में जहां भाजपा कमजोर, वहां अगले महीने होगा बदलाव

punjabkesari.in Thursday, Jun 29, 2023 - 01:50 PM (IST)

चंडीगढ़ (हरिश्चंद्र): भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जुलाई महीने में केंद्रीय मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव करने जा रही है। कुछ मंत्रियों को संगठन में जगह दी जा सकती है, जबकि कुछ का कद बढ़ाने के साथ-साथ नए मंत्रियों को केंद्र सरकार में जगह मिल सकती है। इसके साथ ही ऐसे कुछ राज्यों के संगठन में भी भाजपा हल्का फेरबदल कर सकती है, जहां पार्टी कुछ कमजोर है। इसके मद्देनजर लोकसभा चुनाव में पंजाब में बढिय़ा प्रदर्शन करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन में बदलाव करने जा रही है। बड़े पैमाने पर होने वाला यह बदलाव 30 जून के बाद किसी भी समय संभव है।

इसलिए की बदलाव की तैयारी
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश टीम में कुछ बदलाव करने के मूड़ में है। दूसरी ओर प्रदेश नेतृत्व जिलों में भी ऐसा ही बदलाव करने का मन बना चुका है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को लगता है कि प्रदेश की मौजूदा टीम के भरोसे पार्टी उस लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकती, जो उसने लोकसभा चुनाव के लिए तय किए हैं। शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि प्रदेश टीम में कई ऐसे चेहरे हैं, जिनके बलबूते पार्टी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सकती। इसलिए अश्वनी शर्मा के नेतृत्व वाली प्रदेश टीम से ऐसे ही कुछ पदाधिकारियों की छुट्टी की जाएगी। किस पर गाज गिरेगी, यह भी लगभग तय है। इनकी जगह पर तेजतर्रार, बढिय़ा वक्ता और जनाधार वाले नेताओं को प्रदेश टीम में स्थान दिया जाएगा। ओहदा खिसकने का अंदेशा भी इन पदाधिकारियों को हो चुका है, इसलिए वह इसे बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।

एक महीने की पार्टी नेताओं की कारगुजारी रिपोर्ट भी मंगा रहा भाजपा नेतृत्व
बीते 1 महीने के दौरान प्रदेश में हुए भाजपा के कार्यक्रमों और खासकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की रैलियों का पूरा फीडबैक केंद्रीय नेतृत्व ने तलब कर लिया है।  रैलियों में जिला प्रभारियों, प्रधानों और जोनल प्रभारियों की भूमिका क्या रही, क्या योगदान रहा, इसका पूरा ब्यौरा प्रदेश भाजपा प्रभारी व संगठन मंत्री के जरिये मंगाया गया था। दरअसल भाजपा नेतृत्व को ऐसी रिपोर्ट मिली थी कि जिला स्तर पर कुछ नेताओं ने इन रैलियों को खास गंभीरता से नहीं लिया था। होशियारपुर में जे.पी. नड्डा की रैली में कम भीड़ और वायरल हुई खाली कुर्सियों की वीडियो पर पार्टी बेहद गंभीर हो गई है। इन रैलियों के बाद मांगी गई फीडबैक रिपोर्ट में इसके लिए जिम्मेदार रहे नेताओं का खास जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही बदलाव का निर्देश प्रदेश नेतृत्व के पास आ सकता है।

जिलों में भी बदलाव की तैयारी
प्रदेश नेतृत्व भी जिलों में बदलाव करने जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सूबे के 35 सांगठनिक जिलों में से कुछ जिलों के प्रधान व प्रभारी बदले जाएंगे। इसके लिए बीते एक माह की इन नेताओं की कारगुजारी की रिपोर्ट तैयार की गई है। भाजपा ने 20 मई से 30 जून तक सूबे के हर हलके के लिए रैलियों समेत कई कार्यक्रम रखे थे। इसके अलावा जालंधर लोकसभा उपचुनाव की समीक्षा रिपोर्ट भी पार्टी नेतृत्व के पास पहुंच चुकी है। इन सभी के आधार पर प्रदेश संगठन में क्या बदलाव होगा, यह आने वाले समय में तय हो जाएगा।

कुछ नेताओं की रिपोर्ट सकारात्मक 
हालांकि प्रदेश टीम में कुछ नेताओं के कामकाज से शीर्ष नेतृत्व प्रभावित भी है। पंजाब के 9 लोकसभा हलकों के प्रभारी केंद्रीय मंत्रियों के साथ काम करने वाले प्रदेश टीम के कुछ नेताओं द्वारा इन हलकों में किए जाने वाले पार्टी कार्यक्रमों, जनसभाओं, मीडिया कवरेज आदि में अहम भूमिका निभाई गई गई है। ऐसे नेताओं की सकारात्मक रिपोर्ट भी भेजी जा चुकी है। गौरतलब है कि करीब 25 साल बाद अकेले लोकसभा चुनाव लडऩे वाली भाजपा ने पंजाब की 13 में से 10 सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत लगाई हुई है। इस चुनाव से डेढ़ साल पहले ही भाजपा 9 लोकसभा हलकों का जिम्मा 3 केंद्रीय मंत्रियों को सौंप चुकी है।

लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा बदलाव : अश्वनी शर्मा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इस बाबत संपर्क किए जाने पर कहा कि ऐसा कोई बदलाव निकट भविष्य में संभव नहीं दिखता। प्रदेश स्तर पर हाल ही में टीम में फेरबदल किया गया था, कुछ नए नेताओं को भी जोड़ा गया था। साथ ही, कुछ जिलों में नए प्रभारी व प्रधान लगाए गए थे। अब जो भी बदलाव होगा, वह लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा। जिलों में कुछ प्रभारियों के संभावित बदलाव बारे उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन में इसे बदलाव नहीं कहते, यह रूटीन प्रक्रिया है। 

6 माह पहले ही बनी थी नई टीम, पहले इतने कम समय में नहीं हुए बदलाव
महज 6 महीने में प्रदेश भाजपा टीम में कुछ फेरबदल और कई जिला प्रधानों को बदलने की बात पार्टी के सीनियर नेताओं के गले नहीं उतर रही है। दरअसल 6 महीने पहले ही नए पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई थी। इससे पहले कुछ जिला प्रधान भी बदले गए थे। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि आज तक इतने कम समय में ऐसा कोई बदलाव संगठन में नहीं किया गया। इसलिए इस बार भी ऐसे आसार कम ही हैं। मगर पार्टी नेता यह भी मानते हैं कि मौजूदा शीर्ष नेतृत्व पुराने ढर्रे को बदलने के लिए इस तरह के कड़े और साहसिक फैसले लेने से कतराता नहीं है।


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Content Editor

rajesh kumar

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