मंत्रियों-विधायकों के ठाठ- सस्ता खाना, GST से भी मिल रही छूट

punjabkesari.in Wednesday, Nov 01, 2017 - 02:47 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के मंत्रियों और विधायकों के शाही ठाठ हैं, क्योंकि देश में जी.एस.टी. लगने से खाने की थाली इतनी महंगी हो गई है कि सिर्फ दाल रोटी भी आम लोगों की पहुंच से दूर होती नजर आ रही है। दूसरी तरफ जहां हरियाणा और पंजाब के विधायकों और मंत्रियों को चंडीगढ़ में खाना न सिर्फ काफी सस्ता मिलता है, वहीं इनको जी.एस.टी. तक नहीं देना पड़ रहा।  हालांकि जी.एस.टी. के कारण 2 (7) और 7(1) के तहत जी.एस.टी. नियमानुसार देना जरुरी है। हरियाणा के एम.एल.ए. होटल्स का कैंटीन में जी.एस.टी. नहीं लगता। हालांकि यह छूट छोटे से छोटे ढाबे पर भी नहीं मिलती।  जी.एस.टी. की धारा 2 (7) और 7(1) के तहत होटल और ढाबे सहित चाहे कोई भी कैंटीन हो अगर पैसों के भुगतान पर खाना सप्लाई किया जा रहा है और बकायादा बिल भी काटा जा रहा है तो उस पर 18 फीसदी जी.एस.टी. देना जरुरी है जबकि पंजाब और हरियाणा के मंत्रियों यहति विधायक इस तरह का कोई भी जी.एस.टी. नहीं दे रहे हैं।

पंजाब सचिवालय: खाने की थाली 12 से 40 रुपए
पंजाब के सचिवालय में बैठने वाले मंत्रियों और अधिकारियों के लिए एक खाने की थाली 12 रुपए से शुरु हो जाती है जिसमें दाल और 4 चपाती के साथ सलाद भी दिया जाता है। इसके अलावा 25 रुपए में 2 सब्जी और 4 चपाती के साथ सलाद जबकि 35 रुपए में मटर पनीर तक मिल जाता है जबकि एम.एल.ए. होटल्स में 2 सब्जी व 4 चपाती समेत सलाद के खाने की प्लेट सिर्फ 45 रुपए में मिल जाती है जिस पर कोई जी.एस.टी. नहीं लिया जा रहा है।

हरियाणा: पूरी छोले 20, शाही खाना 73 रुपए 
हरियाणा के मंत्रियों और विधायकों को सिर्फ 20 रुपए में पूरी छोले और कढ़ी चावल मिल जाते हैं जबकि 73 रुपए में शाही खाना जिसमें पनीर के अलावा 2 सब्जियां व रायता के साथ 4-5 चपाती और सलाद मिलता है जिस पर कोई जी.एस.टी. नहीं दिया जा रहा है।

कमरा 100 रुपए में
हरियाणा और पंजाब सरकार की करफ से कैबिनेट मंत्रियों से लेकर विधायकों तक को अपने सर्किट हाऊस में कमरा सिर्फ 100 प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है जबकि आम व्यक्ति को किसी भी सर्किट हाऊस में यह कमरा 1200 से लेकर 1800 रुपए में ही दिया जाता है। उस पर टैक्स अलग से लिया जाता है जबकि मंत्रियों और विधायकों को न सिर्फ 100 रुपए में कमरा दिया जा रहा है बल्कि इस पर जी.एस.टी. भी नहीं लिया जा रहा है।


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