मैडम चौधरी का किरदार और काबिलियत ही कांग्रेस की ताकत, विशेष बातचीत में बोले पूर्व स्पीकर राणा के.पी. सिंह
punjabkesari.in Tuesday, Apr 25, 2023 - 08:04 PM (IST)

जालंधर (रमनदीप सिंह सोढी): जालंधर लोकसभा उपचुनाव को लेकर सियासी माहौल पूरी तरह से गर्मा गया है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने उम्मीदवार की जीत के लिए पूरा जोर लगा रही हैं। जहां यह चुनाव सत्ताधारी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है, वहीं विरोधी दल भी इस बात पर जोर लगा रहे हैं कि इस चुनाव को हर हाल में जीता जाए। विशेष तौर पर कांग्रेस पार्टी एकजुटता का सबूत देते हुए अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रही है और हर हालत में चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। पंजाब केसरी के साथ विशेष बातचीत के दौरान पंजाब विधानसभा के पूर्व स्पीकर व आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य राणा के.पी. सिंह ने कहा कि हमारी उम्मीदवार मैडम करमजीत कौर चौधरी का किरदार और उनकी काबिलियत ही कांग्रेस की ताकत है और वह बड़े माॢजन के साथ यह चुनाव जीतेंगी।
जालंधर को एक बार फिर मार्गदर्शक बनने का मौका मिला
सांसद संतोख सिंह चौधरी के निधन के बाद जालंधर लोकसभा सीट खाली हो गई है। चुनाव की घोषणा के बाद सियासी माहौल गर्माया हुआ है, ऐसे में आपको क्या लगता है?
इस पर राणा के.पी. सिंह ने कहा कि सांसद संतोख सिंह चौधरी और उनके परिवार का सारा जीवन सियासत से जुड़ा रहा है। उनके अचानक निधन से खाली हुई लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में सभी पहलुओं को देखते हुए कांग्रेस ने दिवंगत सांसद की पत्नी करमजीत कौर को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। करमजीत कौर स्वयं एक शिक्षाविद भी रही हैं। दोआबा जोकि पंजाब का दिल और जालंधर दोआबा का दिल है तथा जालंधर के लोग आजादी से पहले और आजादी के बाद में तथा पंजाबी सूबा बनने से पहले और बाद में भी पंजाब का मार्गदर्शक रहे हैं। आज एक बार फिर से उनको मार्गदर्शक बनने का मौका मिला है। हमें पूर्ण विश्वास है कि जालंधर के लोग करमजीत कौर को विजयी बनाकर संसद में भेजेंगे।
‘आप’ ने वायदे तो बहुत किए थे लेकिन हुआ कुछ नहीं
सत्ताधारी पार्टी दावा करती है कि कांग्रेस तो हारी हुई पार्टी है और हमारे पास गिनाने के लिए बहुत कुछ है, जिसका पूरा फायदा हमें मिलेगा। ‘आप’ सरकार की इस परफॉर्मैंस को कैसे देखते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में लोग राजनीतिक पार्टियों को सत्ता देते हैं और लोग ही सत्ता से उतार देते हैं। प्रजातंत्र में जब लोगों को मौका मिलता है तो वे पिछला सारा कुछ याद भी करवा देते हैं। आज पंजाब के लोग मानते हैं कि सरकार को अपने वायदे याद करवाए जाएं। सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी ने कहा तो बहुत कुछ था लेकिन अभी हुआ कुछ नहीं है।
केंद्र दे जवाब- पंजाब के लोगों के मनों में डर बढ़ा या कम हुआ है
पूर्व स्पीकर ने कहा कि कैप्टन साहिब क्या कहते हैं मैं उस पर टिप्पणी नहीं करता लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि पंजाब एक सरहदी सूबा है, पाकिस्तान का बार्डर सांझा करता है। केंद्र बताए कि 2014 से अब तक पाकिस्तान से आने वाले नशे, हथियार और ड्रोनों में कोई कमी आई है या वृद्धि हुई है। पंजाब के लोगों के मनों में डर बढ़ा है या कम हुआ है? कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सहित गांधी परिवार के तीन सदस्यों की देश की शांति के लिए कुर्बानी दी है।
कांग्रेस लगातार टूटती जा रही है, कमी कहां है?
कांग्रेस पार्टी में लीडरों के आने-जाने का सिलसिला चल रहा है। इस पर राणा के.पी. सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने तो इससे भी बुरा समय देखा है। उन्होंने कहा कि कोई समय था जब कांग्रेस ने पटना से श्रीनगर तक एक भी सीट नहीं जीती थी। वह भी समय था जब श्रीमती इंदिरा गाधी को लोकसभा से सस्पैंड कर दिया गया था तथा फिर वह चिकमंगलूर से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि लोग ही लीडर पैदा करते हैं। अगर किसी ने लोगों का विश्वास तोड़ा तो फिर उसका जवाब लोग ही देंगे। जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि धारणा है कि कांग्रेस को कांग्रेस ही हराती है तो उन्होंने कहा कि यह भी प्रजातंत्र की खूबी है। वह कौन-सी पार्टी है जिसमें सत्ता के लिए संघर्ष नहीं होता। भाजपा में भी ऐसा कुछ ही हो रहा है। आज लाल कृष्ण अडवानी कहां हैं?
सरकार की कारगुजारी देखकर लोगों ने वोट देनी है
केजरीवाल कहते हैं कि कांग्रेस को जिता देंगे, लोग अकालियों को वोट डाल देंगे मगर इससे क्या होगा? सरकार तो हमारी है काम तो हमने करना है। वह कहते हैं कि हमारे सिलैंडर में ऑक्सीजन डाल दो हम और तेजी से विकास करेंगे। इस पर राणा के.पी. सिंह ने कहा कि लोगों ने तो आम आदमी पार्टी के लिए बहुत कुछ कर दिया है। चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को हराते हुए आम आदमी पार्टी को 92 सीटें दे दी हैं। अब लोगों ने तो सरकार की कारगुजारी देखकर वोट देनी है। सत्ता में आने से पहले क्या वायदे किए थे, कौन से वायदे पूरे हुए हैं। खामियों की बात करें तो सरकार के पास अभी कहने के लिए कुछ नहीं है।
मौकापरस्त लोगों की जनता के प्रति कोई वचनबद्धता नहीं चुनाव को लेकर आपको अपने उम्मीदवार में क्या खूबियां नजर आती हैं?
इस पर पूर्व स्पीकर ने कहा कि हम अपने उम्मीदवार को ही अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते हैं। उनका पूरा जीवन शिक्षा से जुड़ा रहा है। बेशक वह सीधे तौर पर राजनीति में नहीं आई हैं लेकिन उन्हें अपने ससुर मास्टर गुरबंता सिंह, पति संतोख चौधरी के साथ लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। इसके अलावा वह अपने पुत्र विक्रम चौधरी को सियासत में लेकर आई हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी भी पार्टी को बुरा नहीं कहते हैं। सभी को अपने विचारों पर पहरा देना चाहिए। चुनावों में पार्टियां बदलने वाले मौकापरस्ती का सबूत देते हैं। मैं अटवाल साहिब बारे अभी तक नहीं समझ सका कि वह अपने पुत्र को टिकट दिलाने के लिए अपनी ही पार्टी को अलविदा कह गए। दूसरी तरफ सुशील रिंकू ने भी ऐसा ही किया। एक ओर वे मौकाप्रस्त लोग हैं जिनकी कोई वचनबद्धता नहीं है, दूसरी तरफ वह परिवार है जो पिछले लम्बे समय से लोगों की सेवा करता आ रहा है।