प्रदेश सरकार हर फ्रंट पर फेल, भाजपा के वायदे अधूरे: विशेष बातचीत में बोले बिक्रम सिंह मजीठिया

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2023 - 05:46 PM (IST)

जालंधर (रमनदीप सिंह सोढी): जालंधर लोकसभा सीट को लेकर हो रहे उपचुनाव के लिए चुनावी शोर थम चुका है तथा बुधवार को मतदान होने जा रहा है। अपने-अपने उम्मीदवार की जीत के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया है। लगभग हरेक पार्टी में दल-बदल भी हुए हैं। पंजाब की सत्ता पर सत्तासीन आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है क्योंकि सत्ता में आने के बाद पार्टी एक लोकसभा उपचुनाव हार चुकी है तथा पार्टी की कोशिश है कि इस चुनाव को किसी भी तरह से जीता जाए।

दूसरी तरफ अकाली दल, कांग्रेस और भाजपा भी पूरा जोर लगा रहे हैं कि चुनाव की जीत का फतवा हासिल किया जाए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि गठबंधन टूट जाने के बाद अलग-अलग चुनाव लड़ रहे अकाली दल तथा भाजपा के लिए भी यह चुनाव अहम माना जा रहा है। अकाली दल को इस चुनाव में जो सबसे बड़ा झटका लगा है, वह है पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन। सियासी माहिरों द्वारा माना जा रहा है कि इसका सियासी कैंपेन पर काफी असर पड़ा है लेकिन अकाली दल इस पूरे घटनाक्रम और इस चुनाव को कैसे देखता है इसकी प्रतिक्रिया जानने के लिए पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से संपर्क किया गया। पंजाब केसरी के साथ विशेष बातचीत के दौरान बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पंजाब सरकार जनता के साथ किए वायदे पूरे नहीं कर सकी है और हर फ्रंट पर फेल हुई है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर भी सवाल उठाया कि किसानी सहित बंदी सिंह की रिहाई आदि के वायदे अभी भी अधूरे हैं।

अकाली दल-बसपा जब भी मिलकर चुनाव लड़े, जीत पक्की हुई
इस चुनाव के दौरान सरदार प्रकाश सिंह बादल के निधन से पहले और निधन के बाद भी आप काफी समय तक जालंधर में अकाली दल-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार सुखङ्क्षवदर कुमार सुक्खी के चुनाव प्रचार में डटे रहे हैं। इस चुनाव को आप कैसे देखते हैं। आपको जमीनी हकीकत क्या नजर आ रही है? इस पर पूर्व मंत्री मजीठिया ने कहा कि यह चुनाव हमारे लिए साधारण चुनाव नहीं था क्योंकि बादल साहब के कद का नेता जिनको आम जनता तथा विरोधी दलों ने भी बहुत प्यार, आदर सम्मान दिया तथा उनके निधन के बाद  चंडीगढ़ से गांव बादल तक एंबुलैंस चलाकर ले जाते समय और उनकी अंतिम अरदास के समय उमड़े अथाह जनसमूह तथा देश के गृहमंत्री यह कहने पर मजबूर हो गए कि हिंदू-सिख एकता का सरदार चला गया। बादल साहिब से जब भी कोई पूछता था कि कोई बड़ी प्राप्ति तो वह कहते थे भाईचारक सांझ।

उनके चले जाने से स्वाभाविक तौर पर चुनाव अभियान प्रभावित तो जरूर हुआ है लेकिन इस आकस्मिक घटना के बाद आम आदमी पार्टी के सभी नेता और आम पार्टी वर्कर इकट्ठे भी हुए क्योंकि हमारा परिवार अकेले परिवार तक सीमित नहीं, सारा शिरोमणि अकाली दल हमारा परिवार है। इस एकत्रता से एक संकल्प भी पैदा हुआ है कि अगर हम सभी बादल साहिब की सोच का सम्मान करते हैं तो तगड़े होकर हमें यह चुनाव लड़ना है और पार्टी वर्करों ने भी यह जिम्मेदारी समझी है। जालंधर लोकसभा उपचुनाव का रिजल्ट बहुत ही हैरानीजनक सामने आएगा, क्योंकि जब भी शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी इकट्ठे हुए हैं तथा इसके कार्यकर्त्ता एक जज्बे के साथ चुनाव में उतर गए हैं तो जीत फिर अकाली दल और बसपा की ही होगी, क्योंकि 2019 के चुनाव में 2 लाख से ज्यादा वोट बसपा को पड़ी थी और हमारे कैंडीडेट को भी रिकार्ड मत प्राप्त हुए।  

बीबी ने पंथ के साथ धोखा किया
हाल ही में बीबी जागीर कौर ने भाजपा को समर्थन दिया है और उनकी मांगों में बंदी सिंह सहित सिखी से संबंधित सभी मसले हैं। बीबी द्वारा दिए गए समर्थन और उठाए मुद्दों पर आपकी क्या टिप्पणी है? इस पर मजीठिया ने कहा कि बीबी जी सम्मानीय हैं लेकिन जब एस.जी.पी.सी. के चुनाव थे तो भाजपा ने बीबी जी को प्रधान बनाने की हर तरह की मदद की थी। भाजपा नेता सरदार इकबाल सिंह लालपुरा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने मदद की। बीबी द्वारा भाजपा को समर्थन देने से पंथ के साथ धोखा हो गया और जो बात हम कहते थे वह बेनकाब हो गई।  

गलती की सजा कानून अनुसार मिले, लेकिन धक्का बर्दाश्त नहीं
बादल साहिब के निधन के बाद जैसे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित और कई बड़े भाजपा नेता आते हैं। क्या आपको लगता है कि दोबारा गठबंधन हो सकता है? इस पर मजीठिया ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दोबारा गठबंधन हो, मगर एक बात वह कहना चाहेंगे कि हम काफी समय तक इकट्ठे रहे और मानवता के नाते हम दुख-सुख में तो जरूर शामिल होंगे। बादल साहिब के निधन पर प्रधानमंत्री का आना और गृह मंत्री का यह कहना कि हिंदू-सिख एकता का सरदार चला गया, इस बात को एक अलग नजरिए से देखा जाना चाहिए। जहां तक गठबंधन की बात है तो मुद्दे वहीं खड़े हैं चाहे किसानी का मुद्दा है या बंदी सिंह का मुद्दा, बलवंत सिंह राजोआणा के मृत्युदंड को उम्र कैद में बदले जाने का लिखित वादा मगर सुप्रीम कोर्ट में सरकार उलट बयान दे तो दिल तो दुखता ही है।

उन्होंने कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की सजा बदल सकती है तो फिर बंदी सिंह के लिए अलग कानून क्यों? इन केसों को भी सहानुभूतिपूर्वक देखा जाना चाहिए। बंदी सिंहोकी रिहाई तो क्या होनी थी उलटा सिखों पर एन.एस.ए. लगाकर उन्हें डिब्रूगढ़ भेजा जा रहा है और असम के भाजपाई मुख्यमंत्री पंजाब के मुख्यमंत्री को फोन पर बधाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह संविधान में विश्वास रखते हैं। जिसने जितनी गलती की है उसे कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए लेकिन अगर धक्का होगा तो वह इसके खिलाफ हैं।

किसान आंदोलन खत्म हो गया है लेकिन मुद्दे वहीं खड़े हैं
एक अन्य सवाल में जब पूर्व मंत्री मजीठिया से पूछा गया कि अकाली दल-भाजपा गठबंधन टूटने के बाद माना जा रहा है कि वोटों के मामले में शहरी हलकों में अकाली दल तो ग्रामीण हलकों में भाजपा को नुक्सान हो सकता है क्या इस धारणा से आप सहमत हैं तो मजीठिया ने कहा कि वह पूरी तरह से तो इस बात से सहमत नहीं हैं, क्योंकि गठबंधन का मतलब होता है कि हम आपकी और आप हमारी विचारधारा का सम्मान करें मगर आप एक-दूसरे पर अपने विचार थोप नहीं सकते हैं। प्रकाश सिंह बादल और पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के बीच करीब 27 साल का यह गठबंधन था तथा यह गठबंधन ङ्क्षहदू-सिख एकता के नाम से जाना जाता था। वाजपेयी के जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया क्योंकि गठबंधन पार्टनर की आवाज को अनसुना किया जा रहा था। 

किसानी पंजाब का सबसे बड़ा और अहम मुद्दा है। 750 के करीब किसान आंदोलन के दौरान शहीद हो गए। बीबी हरसिमरत ने इस मुद्दे को कैबिनेट में भी उठाया था और हमें विश्वास दिलाया गया था कि कैबिनेट में पास करने के दौरान हम इसमें शोध कर देंगे लेकिन यह बिल आ गया तो इसमें हमारे भरोसे को तोड़ दिया गया। तब हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था जिस कारण हमने गठबंधन तोड़ दिया। हमने यह गठबंधन किसानों और पंजाब की किसानी के लिए तोड़ दिया। हम पर आरोप भी लगे लेकिन विरोधियों का काम आरोप लगाना होता ही है। हमें आशा थी कि भाजपा हमारी बात मान लेगी लेकिन वे नहीं माने।

दिल्ली ही नहीं पंजाब में भी हुआ शराब घोटाला, कानून व्यवस्था का निकला जनाजा
लेकिन एक बात पंजाब के लोगों को 600 यूनिट बिजली मुफ्त मिल रही है, सस्ती रेत मिल रही है इस पर आप क्या कहना जाएंगे? उन्होंने कहा कि शराब घोटाला, जिस केस में सिसौदिया जेल में है, जिसमें राघव चड्ढा का भी नाम आ रहा है। करोड़ों रुपए की दिल्ली में ठगी मार ली है, जिस कारण आज तक जमानत नहीं हो सकी है। जिन लोगों को दिल्ली में ठेके दिए उन्हीं लोगों को पंजाब में ठेके दिए गए। उन्होंने खजाने में जमा करवाया केवल 4-4 करोड़ और कमाया 60-60 करोड़। अधिकारी खुद मानते हैं कि पिछले साल करीब 200 करोड़ का घपला हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पहले दिल्ली को लूटा और अब पंजाब को लूटा है, बहुत जल्द अंदर जाएंगे। इसमें ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स भी फंसेंगे, जिन्होंने हस्ताक्षर किए हैं।

उन्होंने कहा कि इसके बाद पंजाब में कानून व्यवस्था की जो हालत आज हुई है वैसी हालत कभी नहीं थी। राज्य में कोई भी व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। गैंगस्टरों और लुटेरों के डर से हर व्यक्ति घर से बाहर निकलने से डरता है। सस्ती रेत का दावा किया जा रहा है लेकिन सस्ती रेत मिल किसे रही है। जिस रेत के 5.5 रुपए क्यूबिक फुट देने की बात कही जा रही है, सच्चाई यह है कि वही रेत आम लोगों को 80-80 रुपए फुट तक मिल रही है। हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। कोई काम बिना पैसे के नहीं होता। जनता के खून पसीने के पैसे से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरङ्क्षवद केजरीवाल ने दिल्ली में 45 करोड़ का महल बना लिया है, जिसमें 8-8 लाख के पर्दे लगे हैं।  

झूठी बयानबाजी से पंजाब की जनता का मन नहीं जीता जा सकता
पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार कहती है कि हमने बिजली मुफ्त दे दी है। 28000 से ज्यादा नौकरियां दे दी हैं। 580 के करीब मोहल्ला क्लीनिक खोल दिए हैं, जिसका फायदा उन्हें इस चुनाव में मिलेगा। आम आदमी पार्टी विकास के नाम पर वोट मांग रही है तथा आप किस बात पर वोट मांग रहे हैं? इसके जवाब में मजीठिया ने कहा कि वह सरकार की बात को तब गंभीरता से ले सकते हैं जब सरकार का मुखिया गंभीर हो। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले मुख्यमंत्री कहते थे कि हम घर-घर नौकरी तो देंगे ही साथ में हालात यह बना देंगे कि विदेश से गोरे-गोरियां घर-घर आकर काम करेंगे। वह पूछना चाहते हैं कि 'आपÓ सरकार नौकरियां दे रही है तो फिर पंजाब के बच्चे क्यों 35-35 लाख रुपए खर्च कर विदेश में पढ़ाई करने क्यों जा रहे हैं। उन्होंने कहा नौकरियां तो क्या देनी थीं, जो बच्चे नौकरी मांगने जा रहे हैं उन पर लाठीचार्ज हो रहे हैं। 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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