माईसरखाना मेला: आज विशेष रूप में मन्नतें मांगी जाएंगी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 25, 2015 - 09:28 AM (IST)

हिंदू सिख एकता का प्रतीक है माईसरखाना मेला

गांव माईसरखाना में देवी माता का मेला पंजाब का एक ऐसा धार्मिक मेला है, जो हिन्दू-सिख एकता का सबूत है। इस बार यह मेला 25 मार्च को लग रहा है। यहां देवी माता के 3 मंदिर हैं जिनमें बीच के मंदिर का प्रबंध श्री सनातन धर्म महावीर दल पंजाब के पास है। इस मंदिर पर मालवा प्रातियां ब्राह्मण सभा का कंट्रोल है जबकि तीसरा मंदिर, जो इमारत के ऊपर बना हुआ है, इसका कंट्रोल जरगन सभा संभालती है। 
 
वैसे तो सारा वर्ष ही यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, पर मेले वाले दिन यहां विशेष रूप में मन्नत मांगी जाती है और देवी की चौकी भरी जाती है। इस दिन करीब 5 लाख श्रद्धालु यहां आकर मां के दरबार में हाजिरी लगवाते हैं। कहते हैं कि नथाना में सिद्ध पुरुष कालूनाथ रहता था, जो देवी माता का पक्का भगत था। इसका एक भोला-भाला चेला कमालू था, जो अपने गुरु के लिए गांव खाना माईसरखाना से हर रोज दूध लेकर आता था। महात्मा कमालू से बहुत खुश थे। एक बार महात्मा जी अपने चेले कमालू को मां ज्वाला जी के दर्शन हेतु साथ ले गए। 
 
इतनी भारी गिनती में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहूलियत के लिए जहां जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध करने के दावे किए जाते हैं पर पुलिस मुलाजिम और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा प्रयोग की जाती लापरवाही आम यात्रियों के लिए मुसीबत बन जाती है। जेब गर्म करने वाले या पहुंच वाले लोगों को तो वी.पी.आई. ट्रीटमैंट दिया जाता है, पर आम लोगों को मेले वाली जगह से करीब 1 किलोमीटर पीछे रोककर मेले वाली जगह पर पैदल जाने के लिए मजबूर किया जाता है जिस कारण श्रद्धालुओं को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News