ट्रेडर्स को भी मिलेगी सोशल सिक्योरिटी की सौगात, बीमा और पैंशन दे सकती है सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Jan 15, 2019 - 10:45 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) छूट के बाद अब केन्द्र सरकार कारोबारियों को लुभाने के लिए सौगातों की एक और झड़ी लगाने की तैयारी में है। इसके तहत व्यापारियों की टर्नओवर और चुकाए जाने वाले टैक्स की रकम के आधार पर उन्हें बीमा, पैंशन व ब्याज दरों में छूट की पेशकश की जा सकती है। हालांकि इसका रोडमैप तैयार करने की जिम्मेदारी भी व्यापार संगठनों को ही देने की योजना है। इसके लिए जल्द ही एक ट्रेडर्स वैल्फेयर बोर्ड का गठन होगा।

सोशल सिक्योरिटी स्कीमों के लिए सरकार ने कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल और कई अन्य संगठनों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी है और वैल्फेयर बोर्ड के गठन के लिए प्रतिनिधियों का चयन भी शुरू कर दिया गया है।व्यापार संगठन मांग करते रहे हैं कि वे ग्राहक से टैक्स कलैक्ट कर राजस्व में जमा कराते हैं और एक तरह से सरकारी मशीनरी का हिस्सा हैं। ऐसे में उन्हें भी अन्य कर्मचारियों की तरह बीमा और रिटायरमैंट स्कीमों की सुविधा मिलनी चाहिए।
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टर्नओवर और टैक्स के आधार पर तय होगी रकम
सरकार से बातचीत में शामिल एक ट्रेड लीडर ने बताया कि इसी महीने स्कीमों की रूपरेखा सामने आ सकती है। इसमें टर्नओवर और टैक्स के आधार पर बीमा कवरेज, प्रीमियम और पैंशन की रकम तय करने की योजना है। हालांकि शुरूआती प्रस्तावों पर व्यापारी एकमत नहीं हैं और चाहते हैं कि स्कीमों से अनरजिस्टर्ड व्यापारियों को पूरी तरह वंचित न रखा जाए।
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‘बढ़ेगा व्यापारियों का भरोसा’
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रैजीडैंट श्याम बिहारी मिश्रा और जनरल सैक्रेटरी विजय प्रकाश ने बताया कि वे सरकार से लंबे समय से पैंशन स्कीम की मांग करते रहे हैं और बहुत खुशी है कि इसे गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को सोशल सिक्योरिटी मिलने से उनका सिस्टम में भरोसा बढ़ेगा। कैट ने हाल ही में प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में किसानों की कर्जमाफी पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह माफी ट्रेडर्स के टैक्स से दी जा रही है, जबकि उन्हें किसी तरह का लाभ नहीं मिलता।
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20 लाख हो दुर्घटना बीमा का कवरेज
व्यापार संगठनों की ओर से सरकार से मांग की गई है कि रजिस्टर्ड ट्रेडर्स के लिए दुर्घटना बीमा का कवरेज प्रस्तावित 10 लाख के बजाय 20 लाख और उसके बाद प्रति करोड़ टर्नओवर 5 लाख से ज्यादा हो। इसी आधार पर पैंशन की रकम भी तय होनी चाहिए। टैक्स ग्रोथ के आधार पर बीमा और पैंशन कवरेज बढऩा चाहिए जबकि इनका प्रीमियम घटना चाहिए। सालाना 5 लाख से ज्यादा टैक्स देने वाले ट्रेडर्स को पूंजीगत लोन पर ब्याज में 2 प्रतिशत तक छूट मिले।


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Isha

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