Kundli Tv- अगर आप में भी हैं ये गुण तो किसी संत से कम नहीं हैं आप
punjabkesari.in Tuesday, Nov 27, 2018 - 05:20 PM (IST)
ये नहीं देखा तो क्या देखा(Video)
एक संत थे। वह अक्सर यात्रा पर रहते थे और उनका नियम था कि वह ऐसे ही लोगों के घर आश्रय लेते थे, जिनका आचार-विचार अच्छा हो और घर पवित्र हो। इस बार उन्होंने वृन्दावन जाने का सोचा लेकिन पहुंचने से पहले ही जब वह कुछ मील की दूरी पर थे तो रात हो चुकी थी। उन्होंने सोचा रात बिता लेता हूं और सवेरे जल्दी उठकर फिर से अपनी यात्रा को शुरू कर दूंगा।
अब अपने नियम अनुसार उनको ऐसा घर खोजना था जो उनके रहने लायक हो। उन्होंने इस बारे में कुछ लोगों से पूछताछ की तो किसी ने उन्हें बताया कि ब्रज के पास वाले गांव के सभी लोग धार्मिक हैं और कृष्ण के परम भक्त हैं।
संत उस गांव गए। एक व्यक्ति के घर का द्वार खटखटाया और कहा, ‘‘भाई, मैं थोड़ा विश्राम करना चाहता हूं तो क्या मैं आपके घर रात बिता सकता हूं? लेकिन मेरा एक नियम है कि मैं केवल उसी के घर का भोजन और पानी ग्रहण करता हूं जिसके घर का आचार-विचार शुद्ध हो।’’
इस पर उस व्यक्ति ने कहा, ‘‘महाराज माफ कीजिए मैं तो इस गांव का तुच्छ-सा इंसान हूं, लेकिन इस गांव के सभी लोग मुझसे कहीं ज्यादा पवित्र हैं। फिर भी यदि आप मेरे घर में रुकेंगे तो मैं खुद को भाग्यशाली मानूंगा।’’
इस पर संत कुछ नहीं बोले और आगे बढ़ गए। आगे जाकर एक और व्यक्ति से उन्होंने रात बिताने के लिए विनती की तो इस दूसरे व्यक्ति ने कहा,‘‘महाराज, मैं खुद को इतना पवित्र नहीं मानता जितना इस गांव के बाकी सभी लोग हैं। फिर भी यदि आप मेरे घर में रुकेंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी।’’
संत फिर बिना कुछ बोले आगे बढ़ गए। अब आगे जिसके भी घर गए, सभी ने लगभग यही बात बोली।
अब संत को अपनी खुद की सोच पर लज्जा महसूस होने लगी कि वह एक संत होकर दूसरों को छोटा समझने की इतनी छोटी सोच रखते हैं जबकि एक आम आदमी जो गृहस्थ है वह अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी कितना उत्तम आचरण लिए हुए है। वह खुद को गांव का सबसे छोटा बता रहा है और दूसरों को खुद से बेहतर।
अब वह सबसे पहले वाले आदमी के पास गए और उससे कहा,‘‘माफ कीजिए, मुझे लगता है इस गांव का हर एक आदमी पवित्र है लेकिन मैं आपके घर रुकना चाहूंगा।’’
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