महिला की कोमा में हुई डिलीवरी, नवजात के स्पर्श से हुआ चमत्कार (देखें तस्वीरें)

punjabkesari.in Thursday, Oct 18, 2018 - 03:11 PM (IST)

फोर्टालेजाः कहते हैं किसी भी महिला के लिए मातृत्व का सुख सबसे  बड़ा होता है। बच्चे की खातिर मां मौत से भी लड़ सकती है। एेसा ही एक मामला ब्राजील में सामने आया है जहां मौत के मुंह में गई महिला अपने नवजात के स्पर्श से ठीक हो गई। अमांडा द सिल्वा (28) मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। जब वह 37 हफ्ते की गर्भवती थी तो  उसकी पति से  बहस हो गई, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह कोमा में चली गई। अमांडा के पहले से 3 बच्चे थे। कोमा में जाने के बाद डॉक्टरों के सामने गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने की चिंता थी। 
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बच्चे को बचाने के लिए डाक्टरों को कोमा में ही आनन-फानन में अमांडा का सीजेरियन  करना पड़ा। अमांडा  ने बच्चे को जन्म दिया जिसका वजन 2.1 किलो था, लिहाजा उसे भी गहन देखरेख में रखा गया। बच्चे की डिलीवरी के बाद भी  अमांडा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और वो कोमा में ही रही।  वह न तो चल पा रही थी और न ही किसी से कुछ बोल पाने की स्थिति में थी। एक नर्स ने सुझाव दिया कि बेटे को अमांडा की छाती पर रख दिया जाए। डिलीवरी को दो हफ्ते बाद जब नवजात बच्चे को अमांडा की छाती पर रखा तो  उसके दिल की धड़कनें बढ़ गईं। उसने बच्चे को हाथों से छुआ और रो पड़ी। करीब 23 दिन बाद अमांडा की स्थिति में सुधार होना शुरू हुआ और वह घर जा पाई।
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नर्स फेबियोला का कहना है कि बच्चे को छाती पर रखते अमांडा के शरीर में चेतना कैसे आ गई, इस बात को कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। लेकिन जो हुआ, उससे यह तो कहा जा सकता है कि मां और बच्चे का आपस में स्पर्श काफी अहमियत रखता है। अमांडा के मुताबिक- मेरे बेटे का जन्म कैसे हुआ, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। लेकिन जब उसे मेरी छाती पर रखा गया, मुझे उसकी खुशबू आई। यह सब चमत्कारिक था। अमांडा ने यह भी बताया कि मैं कोमा से तुरंत बाहर ही आई थी। थोड़ी पशोपेश में भी थी। मैंने अपने पिता से पूछा कि क्या यह बच्चा मेरा है? मैंने पेट पर हाथ रखा। मुझे महसूस हुआ कि मेरी डिलिवरी हो चुकी है।

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Tanuja

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