होलांदे को फ्रांस के समाचार पत्र ‘भौंदू’ और जनता ‘मसखरा’ समझती है

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 03:29 AM (IST)

आजकल भारत में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांकोएस होलांदे के नाम के बड़े चर्चे हैं। कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी तो विशेषकर उनकी माला दिन-रात जप रहे हैं। भारत द्वारा फ्रांस से खरीदे गए ‘राफेल’ लड़ाकू विमानों की सौदागिरी के सिलसिले में फ्रांकोएस होलांदे के एक कथित बयान को आधार बना कर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी कड़ी नुक्ताचीनी का निशाना बनाते हुए उन्हें ‘चोर’ कहा है। 

होलांदे 2012 से लेकर 2017 तक फ्रांस के राष्ट्रपति थे। इन लड़ाकू विमानों की बिक्री का सौदा उनके शासनकाल के दौरान ही तय हुआ था। उन्हें खरीदने का ठेका मिला था भारत के धनाढ्य व्यापारी अम्बानी को। फ्रांस की एक समाचार एजैंसी ने कहा है कि होलांदे ने एक इंटरव्यू में उसे बताया है कि ठेका देने के लिए अम्बानी का नाम प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाया था। राहुल का इल्जाम है कि सौदे में धांधली हुई है, जिसमें नरेन्द्र मोदी भागीदार हैं। होलांदे के इस कथित बयान ने भारत में जो तूफान खड़ा कर दिया है, उससे सभी पाठक भली-भांति अवगत हैं। इस विषय को लेकर जो ले-दे हो रही है उसे भी पाठकगण बड़ी दिलचस्पी से पढ़ रहे होंगे। होलांदे के कथन के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। 

राहुल के इल्जाम में कितनी सच्चाई है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन जिस व्यक्ति फ्रांकोएस होलांदे ने यह बात कही है, उसके कथन, चरित्र और व्यवहार पर कितना विश्वास किया जा सकता है, यह एक बड़ा गंभीर प्रश्न है, जिस पर इस सारे संदर्भ में बड़ी गहराई से विचार किया जाना चाहिए। फ्रांस के समाचारपत्रों की नजर में फ्रांकोएस होलांदे ‘भौंदू’ हैं, जनता उन्हें ‘मसखरा’ समझती है, उनकी अपनी माशूका उन्हें ‘लालची चटखोरा’ कहती है। किसी से शादी किए बिना एक साथ तीन-तीन हसीनाओं के साथ राष्ट्रपति भवन में रंगरलियां मनाने वाले होलांदे की गिनती फ्रांस के एक ऐसे शासक के रूप में होती है जिसकी लोकप्रियता देश के बाकी सभी राष्ट्रपतियों के मुकाबले सबसे कम होने के कारण जनता ने इस पदवी पर उसे दोबारा बिठाने के काबिल ही न समझा। 

हालांकि देश की प्रथा के अनुसार आसीन राष्ट्रपति की पदावधि समाप्त होने पर उसे दोबारा चुने जाने का अवसर दिया जाता है लेकिन नारी-आसक्ति और चारित्रिक कथनी-करनी के कारण होलांदे को इस योग्य नहीं समझा गया। प्रेमी-प्रेमिकाओं के आपस में रात को छुप-छुप कर मिलने के अनेकों किस्से तो आपने उपन्यासों, कथा-कहानियों और फिल्मों में पढ़े-सुने और देखे होंगे, लेकिन कोई 64 वर्षीय व्यक्ति, जो संसार के एक महान देश का राष्ट्रपति हो, रात के अंधेरे में चौकीदार का स्कूटर चुरा कर चुपचाप फ्रांस के विश्व प्रसिद्ध एल्स्तरी शाही महल के पिछले द्वार से भेस बदलकर,  खुद स्कूटर चला कर अपनी माशूका के साथ रंगरलियां मनाने के लिए मीलों दूर उसके फ्लैट पर जाता हो, ऐसे रोमांटिक राष्ट्रपति की  प्रेम-लीलाओं और उसकी बेवफाइयों के  दिलचस्प किस्से पढि़ए मेरे अगले लेख में।-कृष्ण भाटिया


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Pardeep

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