भविष्य के वाहनों के लिए स्पष्ट, स्थायी नीति की जरूरतः मारुति

punjabkesari.in Wednesday, Sep 05, 2018 - 04:11 PM (IST)

नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि सरकार को भारत आवागमन के भविष्य के संसाधनों के बारे में एक स्पष्ट और स्थायी नीति तय करनी चाहिए ताकि वाहन उद्योग भविष्य के वाहनों के लिए तैयार हो सके। भारतीय वाहन कलपुर्ता विनिर्माताओं (एसीएमए) के वार्षिक सम्मेलन में मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची आयुकावा ने यह भी कहा कि अपने ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को पाने के लिए भारत को प्रौद्योगिकी के आधार पर तटस्थ दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।

आयुकावा ने कहा, ‘‘वाहन कलपुर्जे निर्माताओं और वास्तविक उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के लिए तकनीक निवेश का बड़ा अवसर है।’’ उन्होंने कहा कि क्षमता निर्माण और पूंजीगत निवेश को मिलाकर भविष्य की योजनाएं बनाने के लिए एक लघु अवधि, मध्यम अवधि और दीर्घ अवधि की नीति का खाका तैयार करना उपयोगी होगा। स्पष्ट नीति का खाका तैयार करने पर जोर देते हुए आयुकावा ने कहा, ‘‘नई प्रौद्योगिकी के लिए एक स्प्षट और स्थायी नीति का ढांचा ओईएम और वाहन कलपुर्जा निर्माताओं में निवेश करने वालों को साहस देगा।’’ नई प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्सर्जन कटौती के लिए सरकार के प्रयासों पर उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग सरकार के साथ इन लक्ष्यों को पाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए जरुरतें अलग हैं। इसलिए ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को पाने के लिए भारत को प्रौद्योगिकी के आधार पर तटस्थ दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत हो सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इलेक्ट्रिक वाहन, हाइब्रिड, सीएनजी, मेथनॉल और एथेनॉल समेत सारे विकल्प खुले रखने चाहिए।’’ आयुकावा ने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकी और क्षमता एवं योग्यता निर्माण के लिए निवेश करना चाहिए। यदि 2030 तक हम छोटे इलेक्ट्रिक वाहन को बड़े पैमाने पर अपनाने का सोच भी रहे हैं तब भी बड़े पैमाने पर हमें अंत: ज्वलन तकनीक वाले इंजनों के विद्युतीकरण की जरूरत होगी। वाहनों की अगली पीढ़ी कई तरह की तकनीकों जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन और आपस में प्रौद्योगिकी से जुड़ी कारों को लेकर आएगी।      
 


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Supreet Kaur

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