बेसहारा बच्चों का श्रीराम आश्रम,जहां सीबीएसई पैटर्न से होती है पढ़ाई

punjabkesari.in Saturday, Aug 18, 2018 - 11:30 AM (IST)

राहुल शर्मा ’लालढांग (हरिद्वार) एक ऐसा आश्रम, जहां बेसहारा बच्चों को न सिर्फ ममता की छांव मिली, बल्कि यही ममता अब उनके भविष्य की राह भी प्रशस्त कर रही है। दो दशक पहले बाबा हरिदास ने हरिद्वार जिले के श्यामपुर क्षेत्र में अनाथ बच्चों के लिए इस आश्रम की नींव रखी थी। नाम दिया श्रीराम आश्रम। आज इस आश्रम में ऐसे 80 बच्चे रह रहे हैं, जिनके या तो मां-बाप नहीं हैं या पैदा होते ही उन्हें खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया गया। लेकिन, कहते हैं ना, ‘जिनके पैरों तले जमीन नहीं, उनके सिर पर उसूल की छत है।’ इन बच्चों के लिए उसूल की छत बनी हैं दो अमरीकी महिलाएं टेटिश (रश्मि) व जुलिअनट (सपना), जो वषों से आश्रम में ही रहकर नि:स्वार्थ भाव से उन पर ममत्व बिखेर रही हैं।

PunjabKesari

श्रीराम आश्रम  हर उम्र वर्ग के बच्चों से आबाद हो रहा है। यहां निराश्रित बचपन को आसरा ही नहीं मिलता, उसके भविष्य की बुनियाद भी तैयार की जाती है। आश्रम की प्रबंधक अमरीका निवासी रश्मि बताती हैं कि 20 वर्ष पूर्व बाबा हरिदास ने इस आश्रम की स्थापना की थी। शुरू में परेशानियां भी आईं, लेकिन समय के साथ-साथ सब व्यवस्थित होता चला गया।  आश्रम में रहने वाला हर निराश्रित बच्चा यहां स्थित विद्यालय श्रीराम विद्या मंदिर में शिक्षा प्राप्त कर रहा है। 

PunjabKesari

सीबीएसई से संबद्ध इस विद्यालय में जिन बच्चों की पढ़ाई यहां पूरी हो चुकी है, उन्हें अलग-अलग संस्थानों में आगे की पढ़ाई के लिए दाखिला दिलाया गया है। दो बच्चे तो विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि चार लड़कियों की शादी हो चुकी है नि:स्वार्थ भाव से आश्रम में कार्य कर रही दोनों विदेशी महिलाएं यहां बच्चों पर वैसा ही ममत्व उड़ेलती हैं, जैसा कि सगी मां। मूलरूप से अमरीका के माऊट मडोना, कैलिफोर्निया की रहने वाली रश्मि (टेटिश) ने बताया कि वह वर्ष 1990 में बाबा हरिदास के साथ श्यामपुर स्थित श्रीराम आश्रम (अनाथ शिशु ट्रस्ट ऑफ इंडिया) आई थीं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Sonia Goswami

Recommended News

Related News